अमावस्या की रात
अमावस्या की रात
ये आज कि नहीं सदियों पुरानी बात है कि अमवस्य के दिन पृथ्वी पर भूत, प्रेत आत्मा आदि राज करते है और उस समय अपने घर से बाहर निकले व्यक्तियों पर हमला कर उनकी जान ले लेते है। समय के साथ लोगों को ये सब अन्धविश्वास कि बात लगने लगी और वे इन सब बातों को नहीं माना करते है। आज पुरे विश्व में विज्ञान का बोलबाला है और विज्ञान परालौकिक शक्तियों को नहीं मानता है पर विश्व के कई भागों में, ख़ासकर भारत में भी भूत-प्रेत को मानने का प्रचलन आज भी है और इसी अन्धविश्वास को दूर करने के लिए न्यूज़ रिपोर्टर्स कि टीम तैयार हो रही थी। जिसका प्रमुख उद्देश्य पुरे देश में कही भी अगर भूत-प्रेत कि घटना हो तो वहा जा कर सच्चाई का पता लगा सके।
इस ग्रुप में 8 सदस्य होते है- अंकित, अमित, सोनू, आयुष, मंगल, सोम, किरण, पूनम।
हाईवे पे एक टीवी वैन चली जा रही थी इसका गाड़ी नंबर दिल्ली का था और ये लोग हिमाचल प्रदेश जाने के लिए निकले थे, रुकते, खाते-पीते, मौज करते ये लोग 2 दिन बाद हिमाचल प्रदेश मे पहुंचने वाले थे। गाड़ी अंकित चला रहा था पर इसका ध्यान पीछे बैठी पूनम पर था। अंकित रह-रह के मिरर में से पूनम को देख ले रहा था, ऐसा करते वक़्त ध्यान दे रहा था कि कोई उसे ऐसा करते देख ना ले। कार रात के 10 बजे निकली, उसके साथी जल्द ही गहरी नींद में चले गए और रास्ते भर अंकित गाना सुनता हुआ गाड़ी चलाता रहा। सुबह 6 बजे उसने गाड़ी एक चाय के दूकान के सामने रोकी। गाड़ी रुकने से बाकी लोग भी जग गए और इधर-उधर देखने लगे। अमित और सोनू गाड़ी से उतर कर इधर-उधर टहल कर पैर सीधा करने लगे। किरण और पूनम भी गाड़ी से निचे उतरी और दुकान के बगल में बने सुलभ शौचालय में फ्रेश होने के लिए चली गयी। कार में सिर्फ आयुष, मंगल और सोम बचें थे। तीनो आपस में इस सफर से जुडी बात कर रहे थे कि तभी एक वेटर जिसे सब छोटू बुलाते है उनके लिए चाय ले कर आ गया। उनको चाय देने के बाद छोटू लौट गया और वो लोग भी बाहर निकल कर आस-पास का नजारा देखने लगे। दोनों लड़कियां तब तक सुलभ शौचालय से फ्रेश हो कर बाहर आ गयी थी और वो लोग भी चाय पीने लगी। कुछ देर तक आपस में बात करने के बाद सभी वापस गाड़ी में बैठ गए और अब गाड़ी पूनम चलाने लगी।
अभी के लिए उनकी मंजिल एक मेला था जो आज यही से 120कि.मी. आगे लगा हुआ था। 2 दिन तक चलने वाले मेले का आज ये दूसरा दिन था और इन लोगो को वहा पहुँच कर उसका लाइव टेलीकास्ट करना था। दोपहर 1 बजे तक वहां पहुँच कर इन लोगों ने अपना ताम झाम तैयार किया और शूटिंग शुरू कर दी। इनकी शूटिंग शाम होने तक चलती रही जैसे तैसे शाम के 8 बजे ये लोग खाली हुए और पास के ही ढाबा पे बैठ खाना खाने लगे और आपस में हिमाचल प्रदेश के उस गाँव ‘प्रीतमपुर’ के बारे में बात करने लगे। उनकी बात उनके बगल में एक बुजुर्ग भी सुन लेते है और उन्हें वहा जाने से मना करने लगते है पर उनकी बात सुन ये लोग और भी जोश में आ जाते है और वहा जाने के लिए रात में फिर निकल पड़ते है। पूरी रात गाड़ी आयुष चलाता रहा और अगली सुबह एक गाँव में जा कर गाड़ी को रोका। इस गान से हिमाचल प्रदेश कि सीमा सिर्फ 80 किमी थी और उस गाँव कि दुरी 90 किमी। आयुष और सभी रिपोर्टर साथियों को यकीन ही नहीं हुआ कि वे इतनी जल्दी गाँव कैसी पहुँच गए। आयुष ने रात में बहुत तेज़ गाड़ी चलायी होंगी ऐसा मान वे उसे डॉटने लगे पर आयुष को खुद नहीं पता वो इतनी जल्दी कैसी पहुँच गया।
इनकी बातों को गाँव वाले भी सुन लेते है और वो उन्हें जाने से रोकने का प्रयास करते है सब उस जगह को शापित बता रहे थे। उनकी बातों सुन रिपोर्टर्स को यकीन हो गया कि वो सही रास्ते पे है। नाश्ता कर और खाना पैक करवा वे लोग आगे के गाँव के लिए निकल गए करीब 3 घंटे में उनकी कार ‘प्रीतमपुर’ के सीमा में प्रवेश हो गयी थी। अब उन्हें कैसी भी करके गाँव वालों को खोजना था ताकि इस बारे में थोड़ी सी पूछताछ कर सके। पर सबको चारों तरफ सिर्फ खेत ही दिख रहे थे उन्हें कोई घर नहीं दिख रखा था करीब 1 किमी आगे जाने पर उन्हें कुछ घर दिखने लगे।
मंगल ने गाड़ी रोक कर लोगो को खोजने का प्रयास किया उसे थोड़ी ही दुरी पर एक घर के बाहर बच्ची खेलती हुई दिखी। सब लोग उसके पास पहुंचे और उसके परिवार के बारे में जानने का प्रयास किया पर लड़की इतने सारे अजनबियों को देख कर डर गयी और घर के अंदर भाग गयी। थोड़ी देर में वो लड़की अपने पेरेंट्स को लेके बाहर आयी जिसे देख रिपोर्टर्स बहुत खुश हुए और इस गाँव से जुडी कहानियों के बारे में जानना का प्रयास करने लगे।
उस लड़की के पिता ने पहले तो मना किया पर सभी रिपोर्टर्स के द्वारा कई बार रिक्वेस्ट करने पर मान गए। उनका नाम शिवपाल था और वो इसी गाँव में पैदा हुए है और हर साल अमावस्या पर एक घटना होते हुए देखते है। यहाँ अचानक कही से शैतान का आगमन हो जाता है और वो लोगो को सिर्फ तड़पाते है मारते नहीं जैसे वो कोई खेलने कि चीज है। ये सुन कर रिपोर्टस दंग रह गए उन्होंने भले ही सारी बातें कैमरे में रिकॉर्ड कर ली हो पर उन्हें यकीन नहीं हो रहा था। उन्होंने रात रूक कर खुद देखने का फैसला किया।
गाँव वालों के मना करने के बावजूद सभी रिपोर्टर्स गाँव के अंदर ही रुके और आज कि रात अमावस्या होने के कारण सभी ने जाग कर उस चीज को रिकॉर्ड करने का प्लान बनाया। उन्हें बगल में ही एक घर मिल गया जिसकी छत पर 2 लोग छुपे गए और लोग कार में ही थे।
रात के ठीक 10 बजे अचानक आसमान में काले बादल आ गए और उनके आते ही पुरे गाँव में तेज़ हवाएं चलने लगी। चमगादड़ और बिल्ली कि आवाज़ रह-रह कर आने लगी। कुछ ही देर में गाँव में धुंध का पहरा हो गया और सभी पक्षी और जानवर एक दम शांत हो गए हवाएं भी शांत हो गयी।
धम-धम कि आवाज़ के साथ गाँव के मुख्य गेट पर अचानक कोई आ धमका था। धुंध धीरे-धीरे हटने लगी और जो नजारा दिखा वो इन रिपोर्टर्स कि सांस अटकाने के लिए काफी था। हाथ में बहुत बड़े आकार का मुगदल लिए वो 10 बहुत बड़े आकार के मुंह से हलकी-हलकी आग उगलते हुए शैतान खड़े थे। करीब 20 फ़ीट लम्बे और 6 फ़ीट चौड़े शैतान ऐसे प्रकट हुए जैसे धुंध से ही जन्मे हो। वे धीरे-धीरे कदम से कदम मिलाते हुए गाँव में दाखिल हुए। गाँव के अंदर आ कर सभी रुक गए उनमे से जो सबसे आगे चल रहा था वो उनका बॉस लग रहा था।
सबसे आगे खड़े शैतान ने अपना दायाँ हाथ ऊपर उठाया और उसके पीछे खड़े साथियो ने शोर मचाते हुए इधर से उधर अजीब से हंसी निकलते हुए दौड़ने लगे। उनकी हंसी में अजीब सा वहशीपन था और वे इधर-उधर दौड़ कर गाँव के अंदर मौजूद हर घर में घूस कर लोगों को जबरदस्ती खींच-खींच कर बाहर निकाल रहे थे। कोई उठा के ला रहा था तो कोई घसीट के ला रहा था। सबको एक जगह इकठ्ठा कर पुरुषो को आपस में लड़ने को कहा वही स्त्रियों से नाचने को कहा।
ये दृश्य देख अमित का दिमाग फिर गया वो उन लोगो के बचाने के बारे में सोचने लगा पर मंगल ने उसे कुछ भी करने से रोक दिया। तभी सभी को एक लड़की दिखी वो वही थी जिससे आज दोपहर में ये सब लोग मिले थे उसको एक शैतान ने अपने हाथों में पैर पकड़ कर उठा लिया। ये दृश्य अमित से नहीं देखा गया उसके सब्र कि सीमा टूट गयी। टीम कि लीडर किरण ने सबको साफ कह रखा था कि सिर्फ रिकॉर्डिंग करनी है कोई बीच में नहीं आएगा पर अमित से रहा नहीं गया और उसने दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी और उस शैतान के सामने खड़ा हो गया।
अमित शैतान को लड़की को छोड़ने के लिए कह रहा था पर तभी शैतान नये इंसान को देख बहुत खुश हुआ और उसने लड़की को एक तरफ फेका और अपने सभी साथियो को और इंसान को ढूढ़ने को कहा। शैतान को जाला ही गाड़ी के पास से महक आनी शुरू हो गयी। वे सभी जल्दी से गाड़ी के पास पहुंचे और जबरदस्ती लोगों को खींच-खींच कर बाहर निकालने लगे। ये देख ड्राइविंग सीट पर बैठी पूनम ने गाड़ी स्टार्ट कि और भागने कि कोशिश की। गाड़ी ने तेज़ी से उन शैतानो को चकमा दिया और बाहर की तरफ भागने लगी पर तभी एक एक शैतान एक लम्बी छलांग लगा उस कार के सामने खड़ा हो गया। उसने अपने एक हाथ से एक शक्ति छोडी जो कार के सीसे को तोड़ पूनम के शरीर में जा लगी। पूनम ने देखा वो एक लड़की का टुकड़ा था जो उसके शरीर में घुसा था। और देखते ही देखते उसका शरीर फूलने लगा और फट गया। उसी शैतान ने अपने इशारे से घासों की लम्बी श्रृंखला बनायीं और उससे उस कार को पूरा लील लिया।
इधर बाकी साथियो की हालत बहुत बुरी थी उनके हाथ पैर शैतानों द्वारा जबरी उखाड़ लिए गए वो उनके साथ कुछ इस तरह खेल रहे थे जैसे इंसान गुड्डे-गुड़ियों से खेलते है। सब की हालत ख़राब हो चुंकि थी और सभी मौत के कगार पे कगार पे खड़े थे कि तभी उन्हें एक शंख कि आवाज़ सुनाई दी। जिससे सभी शैतान काफी निराश हुए और उसने अपने लीडर से कहा
“आज कई महीनों के बाद हमें इंसान खेलने के लिए मिले थे नहीं तो हम लोग इन आत्माओं के साथ खेल-खेल कर बोर हो गए थे पर इतनी जल्दी हमारा यहाँ आने का समय पूरा हो गया पता ही नहीं चला”
तभी दूसरे साथी ने कहा-
“चिंता ना करो ये लोग भी मरकर आत्मा बनेंगे यही कैद हो जाएंगे फिर अगली बार खेलने के लिए और लोग मिलेंगे हमें हा हा हा।
इतना कह सभी शैतान हसने लगे और वापस जाने लगे और उनकी बात सुन रिपोर्टर्स को गहरा धक्का लगा क्योंकि अब तक जिन्हे वो इंसान समझ रहे थे सब यहाँ पर फसी हुई आत्मा थी। धीरे-धीरे सुबह होने लगी और उस सुबह के साथ ही उन सब कि जान भी धीरे-धीरे निकलने लगी।
समाप्त।

