कुएँ कि आत्मा
कुएँ कि आत्मा
शांतिपुर नाम का एक छोटा सा गांव जो धीरे धीरे खाली होता जा रहा था। उनके गांव पर बुरी आत्मा या आत्माओं का साया था जो लोगों को कुएं में डूबा कर मार रहा था। गांव वालों ने बहुत कोशिश की पर वे इस समस्या का समाधान नही खोज पाए। अतः अपनी जान बचाने के लिए वे सभी गांव से पलायन कर रहे है।
- इतना कह कर प्रोफेसर ने स्लाइड बंद कर दी और छात्रों की ओर मुखातिब हुए -
मैं चाहता हूं आप लोगो में से कुछ लोग जाए और पता लगाए कि आखिर वहां हो क्या रहा है। मैं चाहता हु की कम से कम 6 लोग मेरे क्लास से जाए और जो जाएगा और सच्चाई पता करके आएगा उसे एग्जाम में अच्छे नंबर मिलेंगे। - इतना कह कर प्रोफेसर क्लास के बाहर चले गए।
पहले तो कोई भी छात्र तैयार नही हुआ पर क्लास के एक छात्र अभय ने फैसला किया कि वो जाएगा उसके ऐसा कहते ही उसकी प्रेमिका अंजलि भी जाने को जिद करने लगी। अब चूंकि अभय जा रहा है तो उसका परम मित्र साकेत भी जाने को तैयार हो गया इसी तरह और 3 लोग तैयार हो गए जाने को। अभय, अंजलि, साकेत, मीना, राहुल और पारुल। छात्रों ने एक लिस्ट बनाई, उसमे अपने नाम लिखे और प्रोफेसर के आफिस में जमा कर अपनी मंजिल के लिए निकल गए।
शांतिपुर पहुंचने पर सभी 6 छात्रों गांव के मुखिया से मिले और एक रात वहां रुकने की इजाजत मांगी। पहले तो सरपंच ने मना कर दिया परंतु छात्रों के जिद के कारण उन्होंने इजाजत दे दी। पर एक शर्त के साथ की उनमे से कोई भी रात को कुएं के पास नही जाएगा न ही कुएं से पानी पियेगा। रात में सभी छात्र सरपंच के घर पर रुके थे सभी की इच्छा थी रात में तफ्तीश करने की।
रात को अचानक मीना की तबियत खराब होने लगी उसका दम घुटने लगा वो अपने कमरे से बाहर निकली और इधर-उधर टहलने लगी। तभी उसे राहुल की आवाज़ सुनाई दी .. राहुल उसे इशारे से अपने साथ आने को कह रहा था जल्दबाजी में बिना कुछ सोचे मीना राहुल के पीछे - पीछे चल दी। कुछ ही देर में वो एक कुएं के सामने थी पर राहुल कही नही था तभी 1 साया कुएं के अंदर से निकला और … मीना डर कर बेहोश हो गयी।
अंजलि की अचानक नींद खुल गयी उसने कमरे की हल्की रोशनी में इधर उधर देखने का प्रयास किया तो उसे एक इंसान नजर आया इससे पहले वो कुछ समझ पाती उस इंसान ने चाकू से हमला करना शुरू कर दिया। अंजलि की चीखों से बाकी सब भी जग गए और जब वे अंजलि की रूम में पहुंचे तो देखा उसके शरीर के कई टुकड़े हो रखे है, सभी की चीखे निकल गयी कुछ ही देर में उन्हें ख्याल आया की मीना गायब है सब खोजने लगे पर कही नही मिली तभी राहुल को एक जगह मीना दिखाई दी। राहुल पीछे पीछे भाग लिया लेकिन मीना हाथ नही लगी तभी राहुल के पैरो में बालों की रस्सी आ कर फंस गयी और राहुल को खीच कर कुएं में ले गयी। राहुल की चीख सुन के उसके बाकी दोस्त भी वहां पहुँचे और राहुल की लाश को तैरते देख कर बुरी तरह डर गए।
अभय ने जल्दी से सरपंच को पकड़ा और सच्चाई पूछी तो पता चला की एक गांव में एक लड़की थी जो एक आंख से ठीक से देख नही सकती थी लोग उसका बहुत मजाक उड़ाते थे एक दिन लोगों के तानो से तांग आ कर इसी कुएं में डुब गयी वही कोई कहता है कि उसको किसी ने धक्का मार दिया था। तभी से वो गांव वालो के पीछे पड़ी है और सभी को मार रही है।
इससे पहले कोई कुछ और करता राहुल की आवाज़ बाकियों को बुला रही थी .. मीना भी बुला रही थी साकेत, अभय और पारुल बुरी तरह डर गए कि तभी मीना ने सरपंच के घर में प्रवेश किया और सभी को उठा - उठा कर पटकना शुरू किया। मीना के गले से एक दूसरी आवाज़ निकली जो कह रही थी कि - मुझे किसी ने धक्का दिया था मैं अपनी कातिल को नही देख सकी इसलिए पूरा गांव मेरा कातिल है, लेकिन मरने के बाद मुझे सब पता चल गया कि वो तुम थे सरपंच .. तुम्हारी बुरी नजर थी मुझ पर पर जब तुम सफल नही हुए तो मुझे धक्का दे दिया। पहले उन्हें मारा जो मुझे तंग करते थे अब तुम्हारी बारी।
पारुल ने भागने की कोशिश की जिससे मीना का दिमाग फिर गया उसने कांच के टुकड़े कर के पारुल के शरीर में धंसा कर मार दिया। अभय और साकेत ने माफी मांगी और सरपंच को ले जाने दिया। मीना ने टांग से पकड़ कर सरपंच को उठाया और अपने साथ कुएं में ले गयी। अगली सुबह मीना और सरपंच दोनो की लाश तैरती मिली। अभय और साकेत डर के आगोश में रात गुजारने के बाद उनकी मानसिक हालात बुरी तरह खराब हो गयी थी।

