Nitu Mathur

Inspirational

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Nitu Mathur

Inspirational

अल्प से नया आलाप

अल्प से नया आलाप

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"तबला, हरमोनियम, वीणा सभी मास्टर्स की सिटिंग अरेंजमेंट फिक्स हो गई है, और सेंटर में मृदुला जी अपने माइक के साथ बैठ जाएंगी", "सभी के माइक, ऑडियो, इंस्ट्रूमेंट्स चेक हो गए हैं, लाइट, साउंड सिस्टम भी सेट हो गए हैं। बस अब प्रोग्राम शुरू होने की देर है।" प्रोग्राम के चीफ अरेंजर ने सारा सिस्टम चेक करते हुए कहा। 

"सुर साधना बैठक" कला मंडल का नए साल का ये पहला समारोह था, जो सात दिनों तक चलने वाला था और जिसमें देश के कई क्लासिकल वोकेलिस्ट हिस्सा लेने वाले थे, और आज मृदुला का परफॉर्मेंस होना था। 


मृदुला अपने ड्रेसिंग रूम में थोड़ा रिहर्सल कर रही थी, रेड एण्ड ग्रीन मैसूर सिल्क की साड़ी, मैचिंग झुमके और गोल बड़ी बिंदी उसकी आभा में और भी निखार ला रहे थे, उसकी धीमी, मीठी, मृदुल वाणी सबके मन को मोहने का काम करती थी। उसके लिए आज का दिन बहुत ही ख़ास था क्योंकि आज उसे आशीर्वाद देने उसके गुरु समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आने वाले थे। मृदुला ने अपनी क्लासिकल संगीत की शुरुआत उन्हीं के सानिध्य में शुरू की थी जब वो सात साल की थी, और इन गुरुजी ने ही मृदुला का गंडा बंधन भी किया था, जो की गुरु -शिष्य की परंपरा को और ज्यादा महत्वपूर्ण और मजबूत बनाती है। इसलिए आज का दिन वो बहुत खुश भी थी और थोड़ी नर्वस भी, जो की ज़ाहिर है। मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू होने लगा, पूरा ऑडिटोरियम रोशनी की चमक से और सजे फूलों की महक से चहक रहा था । मृदुला ने स्वयं अपने गुरुजी का स्वागत किया, उनका चरण स्पर्श करके वो उन्हें सादर वीआईपी काउच तक लाई और उन्हें समारोह में आने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद किया। 


आज पूरे चार साल बाद मृदुला स्टेज पर परफॉर्म करने वाली थी। सिवियर कोविड के साइड इफेक्ट और उसके बाद लोरेनजाईटिस के कारण डॉक्टर ने उसे अपने गले पर ज्यादा ज़ोर ना देने और कुछ दिनों तक अपना गाना और रियाज़ दोनों ही बंद करने के लिए बोल दिया था। उसका ट्रीटमेंट शुरू हो चुका था, रोज़ सुबह जल्दी उठकर रियाज़ करने की आदत अब छुटने लगी थी, स्ट्रॉन्ग सेडेटिव से उसकी बॉडी की इम्यूनिटी भी वीक हो गई थी, उसे लगा अब वो जीवन में कभी भी नहीं गा पाएगी, मृदुला की मधुर बोली दर्द में बदल चुकी थी। जो आवाज़ उसकी जिंदगी थी, उसकी ताक़त थी उस पर विराम लग चुका था, भावुक होकर बहने वाले आंसू उसकी बड़ी काली आंखों से बहते हुए ओढ़ी हुई चादर को गीला कर रहे थे, तभी उसके आंसुओं को एक नरम रुमाल का स्पर्श मिला, उसके हाथों को हाथों का सहारा मिला, वो हाथ मृदुला के पति नीरज के थे। उसने मृदुला की आंखें को पोंछा और उसे पानी पिलाया, क्योंकि नीरज जानता था कि अगर मृदुला ज्यादा भावुक होकर रोएगी तो उसके गले में फिर से दर्द होने लगेगा। "मृदुला, देखना तुम्हारा ट्रीटमेंट पूरा होने के बाद तुम फिर से गाने लगोगी, आई प्रॉमिस यू, अभी अपना मन उदास मत करो और ज्यादा सोचना छोड़ दो, तुम्हारा इलाज भी तभी असर करेगा जब तुम खुद इसका साथ दोगी", "और मैं तुम्हें ऐसे नहीं देख सकता, बेस्ट डॉक्टर्स के बेस्ट ट्रीटमेंट से तुम ठीक हो जाओगी और तुम्हारा गला फिर से नया आलाप लेने लगेगा।" नीरज मृदुला का सच्चा जीवनसाथी बनकर साथ दे रहा था, वो उसकी भावनाओं को, उसके दर्द को अच्छी तरह समझता था। प्यार के साथ साथ केयर करना और उसे हमेशा मोटिवेट करना, हौसला देना... ये सब नीरज बहुत ही बेहतरी से मृदुला के लिए करता था। 14 साल की शादी में दोनों ने ही एक दूसरे को प्यार दिया और खूब परवाह की और हौसला भी बढ़ाया। नीरज प्राइवेट फर्म में सीनियर मैनेजर था, मृदुला उसके शेड्यूल के हिसाब से ही अपने शोज करती थी, जिससे दोनों आपस में ज्यादा समय साथ घर में बीता सकें, अपना परिवार देख सकें। आज वो मृदुला के पीछे एक दृढ़ स्तंभ की तरह खड़ा था। आपसी समझ का सराहनीय उदाहरण इससे अच्छा और क्या हो सकता है।


ट्रीटमेंट में टाइम लगा, थेरेपी और मेडिकेशन से मृदुला रिकवर होने लगी, और डॉक्टर्स की सलाह से धीरे धीरे अपने गले से रियाज़ शुरू करने लगी। कहते हैं कि "हर सफ़ल आदनी के पीछे एक औरत का हाथ होता है"... वहीं अगर एक सफ़ल महिला के पीछे नेक पुरुष का हाथ हो तो इससे अच्छी और खूबसूरत बात और क्या हो सकती है। आज मृदुला के साथ भी नीरज का पूरा सपोर्ट था, जिससे वो दोबारा अपने पंख फैला पाई, आवाज़ की दुनिया में उड़ पाई। 


मृदुला की परफॉर्मेंस ने पूरे ऑडिटोरियम को मृदुल कर दिया था, सभी तन्मय होकर आनंद ले रहे थे, तालियों की गड़गड़ाहट से हॉल गूंज उठा। मृदुला ने सबके सामने अपने गुरुजी और अपने पति का धन्यवाद किया। खुशी से थोड़ा भावुक होना स्वाभाविक था। अपने पति और गुरु के हाथों से मिले सम्मान और पुरस्कार से वो फूली नहीं समा रही थी।


It is said that "behind every successful man there is a woman's hand"... On the other hand, if there is a noble man's hand behind a successful woman, then what can be better and more beautiful than this.

अगर आपको भी किसी की आवाज बनने का मौका मिले तो उस मौके को गंवाएं नहीं, उसकी नई आवाज़ बनें।

हर मृदुला को नीरज मिले, अल्प को नया आलाप मिले।


 


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