अहमियत
अहमियत
सामने जा रही लड़की के पीछे पीछे चल दिया, थोड़ी दूर तक पीछा करता रहा जैसे ही वो लड़की रुकी कन्नू ने जाकर सीधे ही बोल दिया।
कन्नू : मुझे आपसे कुछ कहना है
लड़की ने कन्नू को थोड़ी आश्चर्य और और थोड़ी डरी हुई निगाह से देखा और घबराहट में पूछा।
लड़की : क्या आप मुझे जानते है ?
कन्नू : जी नहीं , पर मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ, आई लव यू।
इससे पहले की लड़की कोई जवाब देती उसकी कुछ सहेली आ गई और लड़की चुप चाप खड़ी उस लड़के देखती रही। कन्नू भी लड़की को ये सोचकर देखता रहा जैसे वो अभी जवाब दे ही देगी।
लड़की ने लड़के को नज़र अंदाज़ कर दिया और अपनी सहेलीयो से बात करने लगी। कन्नू वंही खड़ा रहा। थोड़ी देर बाद एक बस आई और लड़की बस में जाने लगी तभी कन्नू ने लड़की से फिर पूछा।
कन्नू : अपना नाम तो बता दो !
लड़की पीछे मुड़ी और कहा
लड़की : मैं आपको नहीं जानती।
और बस में चली गई कुछ महीने बाद। एक रेलवे स्टेशन पर काफी भीड़ थी वंही कन्नू भीड़ से निकलता हुआ आया और एक लड़की के सामने जा खड़ा हुआ
कन्नू : क्या ये पटना जाने वाली ट्रैन इसी स्टेशन से आएगी ?
लड़की : जी , इसी प्लेटफॉर्म पर आएगी।
फिर थोड़ी देर रूककर कन्नू लड़की को देखता रहा और जब लड़की को पता लग गया की वो उसे ही बहुत देर देख रहा है तो कन्नू उसके पास गया और बोला।
कन्नू : मुहे आपसे कुछ कहना है !
लड़की ने इधर उधर देखा और अपने सामान को समेटते हुए पूछा
लड़की : जी, कहिये
कन्नू : मुझे आप से प्यार हो गया है
लड़की ज़ोर से हंस दी और कन्नू से पूछा
लड़की : मुझे लगता है आप मुझे जानते तक नहीं है और आपको मुझसे थोड़ी ही देर मैं प्यार हो गया। कमाल है।
तभी एक ट्रैन आई और लड़की उसमे चढ़ गई और कन्नू उसे देखता रहा। लड़की ने खड़की पर आकर कन्नू को इशरे से बुलाया।
लड़की : मुझसे लगता है तुम्हे तो प्यार का मतलब भी नहीं पता।
और कन्नू को अलविदा कहती वो और ट्रैन दोनों चली गई।
ये सिलसिला कन्नू की लाइफ में यूँही चलता रहा उसे हर दो तीन महीने बाद किसी भी लड़की से प्यार हो जाता और वो इज़हार कर देता। दो तीन साल गुज़र गए इसी बिच उसकी एक लड़की दोस्त भी बनी जिसका नाम शायमा था जो उसके साथ लास्ट दो साल से ऑफिस में काम कर रही थी। एक दिन कन्नू शयामा से
कन्नू : यार एक बात बताओ , तुम लड़कों को कभी प्यार नहीं होता क्या ?
शयामा : तुम्हारी तरह तो नहीं होता हमे। तुम तो हर दो तीन महीने बाद किसी को भी बोल देते हो। मुझे तुम अच्छी लगती हो , मुझे तुमसे प्यार है।
कन्नू चुप रहा फिर बोला।
कन्नू : अच्छा एक बताओ मैंने बहुत सी लड़ियों को कहा पर कोई भी दुबारा नहीं मिली मैंने सोचा भी की महीने दो महीने में मिल जाएगी फिर कंही पर मिली नहीं। तो जो पसंद आई उसे दिल की बात कह दी।
शायमा : मुझे लगता ही नहीं है की तुमने किसी से भी प्यार किया है
कन्नू : क्यों ऐसा क्यों लगता है।
शायमा : पता नहीं बस ऐसे ही।
कह कर दोनों घर चले गए फिर एक दिन एक पार्टी में दोनों साथ गए जहा कन्नू ने और शायमा ने थोड़ी पी ली बल्कि थोड़ी नहीं मैं कहु तो जयदा। दोनों उस रात एक रूम में सोये और अपना कण्ट्रोल खो बैठे। सुबह हुई शयामा उठी और कन्नू को गले से लगा कर बोली
शायमा : कन्नू मुझे तुमसे प्यार हो गया है
कन्नू ने शायमा को दूर करते हुए कहा।
कन्नू : पर मुझे तुमसे प्यार नहीं है शायद तुम्हे लगा की एक रात सोने से प्यार होता है पर मुझे ऐसा नहीं लगा। मेरे लिए प्यार जिस्म से बढ़कर है जो मुझे अभी तक नहीं मिला। मुझे प्यार मेरी पसंद का चाहिए।
शायमा को गुस्सा आ गया और शायमा बोली
शायमा : तुम्हे पहले भी इन तीन शब्दों को अहमियत नहीं पता थी और आज भी इन तीन शब्दों की अहमियत नहीं समझी। कल तक तुमने जिनको भी प्यार करने को कहा उन्होंने तुम्हे प्यार नहीं किया और आज जब प्यार तुम्हे मिला तो तुमने उसकी अहमियत को नहीं समझा।
और अपना सामान लेकर वहाँ से चली गई।