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Chandresh Kumar Chhatlani

Drama

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Chandresh Kumar Chhatlani

Drama

अहमियत

अहमियत

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उस दिन माँ बहुत ख़ुशी-ख़ुशी घर आई और आते ही अपनी पोटली खोल कर बाहर खेल रहे अपने बेटे और बेटी को बुलाया, दोनों अपने एक मित्र के साथ खेलते हुए घर में आये।

माँ ने पोटली में से एक डिब्बा निकाला, उसमें आइसक्रीम थी, अपने बेटे को प्यार से सहलाते हुए माँ ने उस डिब्बे को खोल कर बेटे को दिया और बहुत लाड से कहा, "मेमसाहब के घर में आज पाल्टी थी, तेरे लिये मांग ली, तुझे पसंद है न ! चल खा ले।"

बेटी ने यह देख कर चहकते हुए कहा, "और मेरी आइसक्रीम भी दो न अम्मा।"

"चुप कर तू। यह सब खा कर बिगड़ जायेगी, ससुराल जाना है कि नहीं, वहां रोटी के साथ सब्जी मिल जाये तो तेरे भाग जाग जायें। तेरे लिए खाना लायी हूँ, खा ले।" माँ ने डांटते हुए पोटली में से खाना निकाला और एक थाली में परोस कर बेटी को दे दिया।

बेटी चुपचाप बैठकर खाने लगी, वह मन ही मन बिलख रही थी। बेटे से यह सहन नहीं हुआ, वह खड़ा हुआ और अपने डिब्बे में से आधी आइसक्रीम निकाल कर अपनी बहन की थाली में रख दी। आइसक्रीम पा कर बहन का चेहरा खिल उठा।

और माँ भी चकित रह गयी, आइसक्रीम खा तो बेटी रही थी लेकिन जीवन में पहली बार उसे भी आइसक्रीम के स्वाद का अनुभव हो रहा था।


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