STORYMIRROR

Vaishno Khatri

Drama Tragedy

3  

Vaishno Khatri

Drama Tragedy

अगले जन्म का इंतज़ार

अगले जन्म का इंतज़ार

2 mins
584

मारिया अपनी सहेलियों के साथ ज़ू गई। वहाँ घूमते-घूमते एक पिंजरे के पास उसकी चाल थम-सी गई। वहाँ पर एक बंदरनुमा जानवर परेशान सा था। ध्यान से देखने पर लगा कि उसे चोट लगी हुई है। वह दर्द से तड़प रहा था। उसके घाव पर कीड़े बिलबिला रहे थे। उसे देखते ही तन्द्रा सुन्न हो गई। उसने बड़े प्यार से पूछा 'भोलू' जैसे उसका ही नाम हो, तुम्हें दर्द हो रहा है? उसने शांत भाव से देखा मानों कह रहा हो 'हाँ"। उसने जू वालों से इजाज़त माँगी, मिल गई। कारण उसके पिता जू के अधिकारी थे। वह चिम्पांजी के पास गई और उसे सहलाने लगी। फिर चोट को सहलाने लगी। चोट गहरी थी। पीप और कीड़ों से भरा घाव था। उसने जू वालों से केरोसिन माँगा। बड़े प्यार से घाव पर डाला सोचा वह शोर या नुकसान पहुँचा सकता था। पर नहीं वह किंकर्तव्यविमूढ़ कर उसे देख रहा था। जैसे समझ गया हो कि वह उसका दुःख मिटाने आई है। रोज़ आकर कीड़े निकालती दवाई लगाती, खेलती, उसे सहलाती और चली जाती। न जाने किस मोह-पाश में वह दोनों कैद हो चुके थे। वह भी समय देखा करता। सिलसिला ऐसे ही बह निकला। एक बार वह नहीं आई। कई दिनों तक नहीं आई। वह रोज इंतजार करता। पर मारिया अचानक हार्ट अटैक से मर चुकी थी। उसने नहीं आना था, नहीं आई। आज भी इंतजार की घड़ियाँ खत्म नहीं हुईं हैं। वह रोज़ ताकता है। खाना पीना छोड़ दिया है। ऑंखें पथरा गई हैं। स्वयं भी उससे मिलने के लिए धीरे-धीरे पत्थर हो रहा है। अगले जन्म का इंतजार।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama