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Rekha Rana

Drama

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Rekha Rana

Drama

अचीवमेंटस

अचीवमेंटस

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"हाँ ..हाँ ..अपने बूते पे ये मुकाम हासिल किया है ,कोई सिफारिशी नहीं हूँ मैं.... समझे .....

हर रोज का डायलॉग था ये शगुन रस्तोगी का ! दफ्तर में सब पक चुके थे सुन-सुन के !

बड़ा घमंड था शगुन को अपनी अचीवमेंट्स पर। रोज-रोज मिस्टर रस्तोगी का पुरुष दम्भ भी ना सह पाया और वो भी.......!

आज वो अकेली रह गयी, अपनी अचीवमेंट्स के साथ ....!


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