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Kunda Shamkuwar

Tragedy

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Kunda Shamkuwar

Tragedy

अच्छे घर की लड़कियाँ

अच्छे घर की लड़कियाँ

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आज शाम को बाज़ार से आते वक़्त हमारी गाडी ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी। अचानक गोल चक्कर की तरफ निगाहें गयी।गोल चक्कर के साइड वाली रोड पर दो तीन सजी धजी लड़कियाँ वहाँ खड़ी थी।स्कूटर पर जा रहे आदमी स्कूटर रोक कर उनसे बात करते जा रहा था। मैंने निगाहों से ही उनका पीछा करते हुए साथ मे बैठे भाई से अटकते हुए उन लड़कियों के बारें में कुछ कहना चाहा।भाई ने भी मेरी निगाहों का पीछा किया और झट से कहा, "छोड़ो उनको,वह सब अच्छे घर की लड़कियाँ नहीं हैं।"

मैंने कहा, "और वो आदमी जो अपनी स्कूटर रोक कर उनसे सौदेबाज़ी कर रहा है, वो कैसा है? क्या वह अच्छे घर का है?"

इतने में ट्रैफिक लाइट लाल से हरी हो गयी और भाई ने गाडी सर्र से आगे बढ़ा दी। शायद वह मेरे सवालों से और भी तेजी से दूर भागना चाह रहा हो....


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