Sajida Akram

Tragedy Drama

4.0  

Sajida Akram

Tragedy Drama

"अभागन ...नैन्सी"

"अभागन ...नैन्सी"

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"हमारे यहाँ "खजुराहों" के फेमस मंदिर है।वहां पयर्टकों का आना-जाना रहता है। वहां के गांव के लड़के बेरोजगारी की वजह से और कम पढ़े लिखे लड़के होने की कारण गाईड बन जाते हैं।


वहां पयर्टकों से बातें कर-करके फर्राटेदार इंग्लिश, फ्रेंच, जर्मन हर भाषा में बात कर लेतेंं है। हम खजुराहों ट्रांसफर पर गए तो हमारे यहां एक लड़का गार्डन का काम करने आता था। उसनें बताया कि मेरे एक भाई है बुधिया वो गाईड है। वो कई सालों से पयर्टकों को खजुराहों की सैर करता था।


एक बार ब्रिटिश टूर आया, उसमें दो लड़कियां थी। उसमें एक लड़की "जुलिया" को बुधिया इतना पसंद आया के उससे शादी कर ली और गांव में ही रहने लगी। बुधिया के तो दिन फिर गए।


जुलिया की दूसरी छोटी बहन नेन्सी थी। वो बहुत ही आर-पार लड़की थी। कुछ दिन खजुराहो में रही फिर वो इलाहाबाद चली गई और वहां साधु-सन्यासी में रहने लगी। खूब गांजा, और दूसरे तरह के ड्रग्स लेने लगी।

बड़ी मुश्किल में फंस गई ड्रग्स और दूसरे नशे करने के लिए पैसे की ज़रूरत पड़ने लगी तो ड्रग्स सप्लाई करने वाले लोगों के साथ गिरोह में शरीक हो गई। एक बार इंटरनेशनल पुलिस की गिरफ्त में आ गई अब उसका कोई भी नहीं था। उसने अपनी बहन और बुधिया का बताया पुलिस ने इन दोनों को बुलाया और नैन्सी की हालत बताई ड्रग्स ऐडिक्ट है और इसकी ज़मानत करवा लो। माफिया के हाथ लगई तो मार देगें।


आख़िर जुलिया छुड़ाकर लाई मगर वो कहां मानने वाली थी। फिर निकल पड़ी इस बार ड्रग्स माफिया ने उसको बहुत ख़तरनाक काम देकर उसे सऊदिया भेजा। वहां भी नशे का करोबार चोरी-छुपे चलता था। वहां की पुलिस के हाथों चढ़ गई फिर क्या था? वहां का सख़्त कानून उसे मौत की सज़ा सुनाई गई।


इस तरह से उस अभागन नैन्सी का अंत हो गया।


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