Bhavna Bhatt

Tragedy

4.0  

Bhavna Bhatt

Tragedy

आसमान से गिरा

आसमान से गिरा

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आज सुबह से मिहीर को घर में सब डांट रहे थे... खुद मिहीर भी अपने आप को कोस रहा था कि उस वक्त कयु इतनी जल्दबाजी में निर्णय लिया और पचास-साठ हजार तनख्वाह देने वाली नौकरी छोड़कर खुद का धंधा करने की सोचकर गलत फैसला लिया और फिर महामारी आई इस वजह से सभी के नौकरी और धंधा ठप हो गई. अगर आज नौकरी नहीं छोड़ दी होती तो तनख्वाह तो मिलती ये तो मेरी हालत ऐसी हो गई है जैसे आसमान से गिरा खजूर मे अटक गया हुं...।।।



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