आसमां और अंजलि
आसमां और अंजलि
आसमां और अंजलि एक ही कक्षा में पढ़ती थीं। यद्यपि वे एक कक्षा में थीं और एक - दूसरे से परिचित भी थीं फिर भी उनका जीवन काफी भिन्न था। आसमां किसान परिवार से थी। उसके दादा - दादी, माता - पिता एवं बड़े भाई अपने खेतों में काम करते थे। वे गाँव के अपने घर में एक साथ रहते थे। आसमां एक अच्छी खिलाड़ी थी तथा लंबी दौड़ व व्यक्तिगत दौड़ में अपने विद्यालय में अव्वल आती थी। लोगों से मिलना तथा उसके साथ घुल -मिलकर उसके साथ दोस्ती करना उसे पसंद थी।
उसके विपरीत, अंजलि उसी गाँव में अपनी माँ के साथ रहती थी। उसके पिता पास के एक कस्बे के कार्यालय में काम करते थे और छुट्टियों में घर आते थे। अंजलि एक अच्छी कलाकार थी और घर पर रहना तथा अपने छोटे भाई का ध्यान रखना उसे पसंद था। वह शर्मीली थी तथा वह लोगों से मिलने जुलने से बचती थी।
विगत वर्ष बहुत वर्षा हुई तथा पास की नदी में बाढ़ या गया और गाँव तक पहुँच गया। निचले हिस्से में बने बहुत से घरों में पानी भर गया था। चारों तरफ अफरा- तफरी का माहौल था। इस विकट परिस्थिति में गाँव वालों ने एक साथ मिलकर जो लोग दुखी - पीड़ित थे उन्हें आश्रय दिया था। अंजलि के घर में भी बाढ़ का पानी भर गया तथा वह अपनी माँ एवं छोटे भाई अमन के साथ आसमां के घर आई थी।
आसमां परिवार की सहायता करने तथा उन्हें सुख की अनुभूति कराने में प्रसन्नचित भाव से लगी हुई थी। जब कुछ दिन बाद बाढ़ का पानी धीरे- धीरे कम हुई तो आसमां की माँ एवं पिताजी ने अंजलि की माँ का घर बसाने में सहायता की। दोनों परिवार अब एक - दूसरे के बहुत निकट हो गए। आसमां एवं अंजलि एक- दूसरे के घनिष्ठ मित्र हो गई थीं।
