आखिर टिया कहाँ गयी Prompt 22
आखिर टिया कहाँ गयी Prompt 22
"चलो बेटा ,घर चलो ,टिया कहाँ है ?उसे भी बुला लो। ",दामिनी ने अपनी बड़ी बेटी सिया से कहा।
दामिनी अपनी दोनों बेटियों सिया और टिया के साथ एक फैमिली फ्रेंड की बहिन की शादी में आयी हुई थी। सिया 8 वर्ष की थी और टिया कोई साढ़े 6 वर्ष की। दामिनी के पति साकेत ऑफिस के काम से शहर के बाहर गए हुए थे।
दामिनी को पता ही था कि शादी से लौटते हुए देर हो जायेगी ;इसीलिए वह साकेत के ऑफिस के ही एक फोर्थ क्लास को घर पर रखवाली के लिए छोड़कर आयी थी। दामिनी और साकेत किराए के एक घर पर फर्स्ट फ्लोर पर रह रहे थे। अभी मकान मालिक भी शहर के बाहर गए हुए थे ;इसीलिए घर सूना नहीं छोड़ा जा सकता था।
दामिनी की बात सुनकर सिया ,टिया को बुलाने के लिए दौड़ गयी। उसने इधर-उधर सब जगह ढूँढा ;लेकिन टिया उसे कहीं नहीं दिखी। उसने लौटकर दामिनी को बताया ,"मम्मा ,टिया तो यहाँ पर नहीं है। "
अब दामिनी भी टिया को ढूंढने लगी,लेकिन टिया का कहीं कोई पता नहीं लगा। अब शादी वाले घर में हड़कम्प मच गया ;सब लोग टिया को ढूंढने लगे। फैमिली फ्रेंड ने कहा ,"साकेत भी यहाँ नहीं है। टिया पता नहीं कहाँ चली गयी?"
दामिनी की आँख से आँसू बरसने लगे थे ,"कहीं मेरी टिया को कोई उठाकर तो नहीं ले गया। "
हँसी -ख़ुशी के माहौल में गमी आ गयी थी। शादी की रस्में एक तरफ हो ही रही थी ;दूसरी तरफ टिया की खोज जारी थी।
तब ही किसी ने सुझाव दिया कि ,"साकेत का घर यहाँ से ज़्यादा दूर नहीं है। एक बार घर पर चलकर देख लो ;क्या पता बच्ची वहाँ पर हो। "
सभी लोगों को उसका सुझाव पसंद आया। एक व्यक्ति को साकेत के घर पर बाइक से भेजा गया। उसने घर पहुंचकर फ़ोन किया कि ,"टिया ,सही सलामत घर आ गयी है। "
दामिनी की जान में जान आयी। वह सिया को लेकर फ़ौरन घर पहुंची।
टिया को देखते ही दामिनी ने गले से लगा लिया और पूछा ,"बेटा ,आप अकेले ही क्यों आ गए। मम्मी और दीदी का इंतज़ार भी नहीं किया। "
"मम्मा ,दीदी मुझे बुलाने आयी थी और बोली कि टिया जल्दी चलो ;नहीं तो हम तुझे छोड़ जाएंगे। थोड़ी देर बाद मैं आयी तो मुझे न दिखे ,न दीदी। मैंने सोचा आप दोनों मुझे छोड़कर चले गए हो ;इसीलिए मैं अकेले आ गयी। रास्ता तो मुझे याद था ही। ",टिया ने मासूमियत से कहा।
"आपको रास्ते में डर नहीं लगा?",दामिनी ने पूछा।
"मम्मा ,आप कहते हो न अच्छा सोचोगे तो अच्छा ही होगा। मैं पूरे रास्ते यही सोचती हुई आयी कि मैं आराम से घर पहुँच गयी हूँ। जब भी थोड़ा डर लगा ,मैंने मुट्ठी बंद कर ली और गायत्री मन्त्र बोलने लगी।फिर मम्मा मैं तो वंडर वुमन हूँ न ;वारियर हूँ ;किसी से नहीं डरती। ",टिया ने कहा।
"अच्छा बेटा।तुम तो मेरी सुपर गर्ल हो। लेकिन आपने घंटी कैसे बजाई ?आपका हाथ तो वहाँ पहुँचता ही नहीं। ",दामिनी ने पूछा।
"मैडम ,वो तो मैं वाशरूम जाने के लिए बालकनी में आया था और तब ही मेरी नज़र टिया बेबी पर पड़ी। बेबी घर की तरफ आ रही थी। मैंने नीचे जाकर फ़टाफ़ट गेट खोल दिया। अभी मैं बेबी से बात ही कर रहा था कि भैया बेबी को ढूंढते हुए आ गए। आज मैं अपना मोबाइल भी घर पर ही भूल आया था। ",साकेत के ऑफिस के फोर्थ क्लास ने कहा।
"मेरी बहादुर बेटी। सही कहा अच्छा सोचोगे तो अच्छा ही होगा। बेटा ,आगे से कभी मम्मा बताये कहीं मत जाना। ",दामिनी ने टिया को गले से लगाते हुए कहा।
......................................................
