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Anita Sharma

Inspirational

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Anita Sharma

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आज मेरा जन्मदिन है

आज मेरा जन्मदिन है

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"अरे बहू आज क्या सुबह से फोन पर ही लगी रहोगी चाय नाश्ता कुछ मिलेगा की नहीं"?

लक्ष्मी जी की कर्कश आवाज से उनकी नई बहू सिमरन का ध्यान घड़ी की तरफ गया "हे भगवान सात बज गये।" कहते हुऐ सिमरन झट से उठ खड़ी हुई।और फटाफट तैयार होकर रसोई में आ गई।

नाश्ता बनाती सिमरन का मन कर रहा था कि कितना अच्छा होता अगर आज के दिन वो अपनी मां के पास होती। मां उसे सुबह सुबह बड़े ही प्यार से जगाती उसकी पसन्द के नाश्ते के साथ उसका माथा चूम कर जन्मदिन की बधाई देतीं। पापा भी ढेरों आशीर्वाद के साथ गिफ्ट देते। फिर दोस्तों के संग सारा दिन मस्ती करती।

पर यहां तो किसी को याद भी नहीं होगा कि ससुराल में ये मेरा पहला जन्मदिन है तो उसे कुछ स्पेशल फील करवाएं।उल्टा यहां तो मम्मी जी से सुबह सुबह डांट और पड़ गई। वो तो बस अपनी मां से बात कर रही थी।


तभी सिमरन के पति राहुल ससुर जी और छोटी ननद भी तैयार होकर टेबल पर आकर नाश्ते का इंतजार करने लगे।तो सिमरन झट से अपनी पनीली आंखें पोंछ नाश्ता लगाने लगी।जल्दी - जल्दी हाथ चलाती सिमरन का दिमाग उससे भी ज्यादा तेज गति से सोच रहा था.....

"इन लोगों को अगर याद नहीं आया तो मेरा तो जन्मदिन खराब हो जायेगा। एक बार मैने ये दिन इंतजार में गुजार दिया तो पूरे एक साल बाद ये दिन आयेगा।और आजके दिन में न तो रोना चाहती हूं और न ही पल - पल इंतजार करना चाहती हूं।

मैं तो अपना जन्मदिन पर धमाल करना चाहती हूं जैसे वहां अपने घर में करती थी।तो अब तो ये भी मेरा अपना घर है तो फिर कैसी शर्म अपना जन्मदिन सबको याद दिलाने में।मायके में भी तो मैं एक महीने पहले से चिल्लाने लगती थी "मेरा जन्मदिन आ रहा मेरा जन्मदिन आ रहा है" तो ये लोग भी तो मेरे अपने है।बताऊं कि न बताऊं कहीं ये लोग मुझे गलत तो नहीं समझेंगें ?"

पर एक साल का सोचकर आखिर सिमरन में हिम्मत आ ही गई तो उसने झट से जाकर अपने सास ससुर के पैर छू लिऐ और बोली.....

"आशीर्वाद दिजिये मम्मी जी पापा जी आज मेरा जन्मदिन है।"

"क्या भाभी आज आपका जन्मदिन है? हमें तो पता ही नहीं था। हैप्पी बर्थडे भाभी"

ननद झट से अपनी कुर्सी से उछलते हुऐ आकर उसके गले लग गई।सास ससुर भी ढेरों आशीर्वाद देते हुऐ राहुल से बोले....

"बेटा तुम्हें पता नहीं था कि आज बहू का जन्मदिन है?कैसे पति हो तुम? अब चलो अपने ऑफिस फोन करके छुट्टी लो और बहु को कहीं घूमने के जाओ।"


"नहीं पापा अभी मेरी मीटिंग है तो मैं छुट्टी तो नहीं ले सकता पर शाम को जल्दी आ जाऊंगा।फिर जैसे और जहां सिमरन चाहेगी वैसे उसका जन्मदिन मनायेंगे।"

राहुल बहुत ही संजीदा होते हुऐ बोला और सिमरन की तरफ देखते हुऐ एक बार फिर बोला......

"सॉरी सिमरन मैं जानता हूं कि मुझे याद रखना चाहिये था और मैंने याद नहीं रखा मैं प्रॉमिस तो नहीं करता पर कोशिश जरूर करूंगा कि तुम्हारा कोई जन्मदिन मैं न भूलूं। पर अगर हम लोग भूल भी जाये तो तुम हमेशा एसे ही हम सबको अपना समझ याद दिला दिया करो।"

तभी सिमरन की सासू मां उसके सर पर हाथ रखते हुऐ बोलीं..... "हां बहू हमें बहुत अच्छा लगा कि तुमने न तो सभी को खुद ही याद आने का इंतजार किया न ही आंसू बहा यहां वहां शिकायतों का पिटारा खोला और न ही बैठ कर आंसू बहाये बल्कि हम सब को अपना समझ हक से अपनी बात बताई बेटा हमेशा एसी ही रहना अपनी सी।"

सिमरन सभी को अपने लिऐ खुश होता देख खुशी से चहकते हुऐ बोली..."ये सब करके तो मेरा जन्मदिन ही खराब हो जाता न ! और मैं अपने जन्मदिन पर धमाल करती हूं उसे खराब नहीं करती।"

सिमरन की बात सुनकर सभी हंस दिये और एक साथ बोले ....." तो शुरू करें धमाल करने की तैयारी "

राहुल सिमरन को एक बार फिर जन्मदिन की बधाई देकर शाम को जल्दी आने का वादा कर ऑफिस निकल गया।और सिमरन ये सोचकर खुश होते हुऐ अपने जन्मदिन की तैयारियों में लग गई कि....


"खुशियां तो ससुराल मायके दोनों में मिल जाती है।मायके में बिना बताये और ससुराल में बताकर।ससुराल में अगर किसी का मन न भी हो खुशियां मनाने का पर जब हम अपनी तरफ से खुद ही कोशिश करेंगें तो परिवार को तो खुश होना ही पड़ेगा।जैसे आज उसका परिवार उसके साथ खुश है।


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