STORYMIRROR

Akanksha Gupta (Vedantika)

Tragedy

2  

Akanksha Gupta (Vedantika)

Tragedy

आज भी इंतज़ार है

आज भी इंतज़ार है

1 min
130

जब से वो गया था यह दहलीज छोड़कर, तब से ही वो उसी दहलीज़ पर ठहरी हुई है। दुनिया की नज़रों में भले ही उसने अपनी ज़िम्मेदारी को अच्छे से निभाया हो पर दरवाजे पर हुई एक आहट से उसका दिल बैचेन हो जाया करता था। उसकी नजर हमेशा उसे ही ढूँढती है ये जानने के बाद भी कि वो अब कभी भी लौटकर नहीं आ सकता क्योंकि शहीद होने के बाद बाद कोई लौटकर नहीं आता।


लेकिन उसे आज भी इंतज़ार है अपनी मोहब्बत के मुक़्क़मल होने का। एक वीर की सुहागिन होने का.


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy