Dinesh Dubey

Horror Fantasy Thriller

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Dinesh Dubey

Horror Fantasy Thriller

आईने का रहस्य भाग 23

आईने का रहस्य भाग 23

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भाग 23


सभी लोग तालाब के पास खड़े हैं , जय पास घूम रही एक चींटी को उठा कर पानी में डालता है , तो वह आराम से तैरती हुई वापस किनारे लौटने का प्रयास करती है ,!!


तभी विशाल दूसरी चींटी उठाकर दूसरे तालाब में डालता है तो उसमे वह मर जाती हैं, ये लोग एक दूसरे का मुंह देख रहे हैं तब तक भीमा तालाब में कूद गया, उसका देखा देखी सभी कूद कर मस्ती करने लगते हैं , के सबको पार करने का इशारा करता है, और फिर वह लोग भी मस्ती करते हुए पार करने लगते हैं 


महिलाएं मछलियों के साथ मस्ती करती है और मछलियां भी उनके ऊपर से कूद कूद कर जाती है, थोड़े ही समय में सभी तालाब को पार कर चुके थे, जो कपड़े इनको मिले थे उसकी खासियत थी की वह न गिला होते थे और नही उनमें आग पकड़ता था , यह बात तो उन लोगो को पहली बार में ही पता चल गया था।


उनके हिसाब से उन्होंने सात दरवाजा पार कर लिया था और अब अंतिम दरवाजा अठवा नंबर का इंतजार था, तालाब में नहाने से उनके अंदर एकदम से स्फूर्ति आ गई थी, सब तरोताजा और खुद को हल्का महसूस कर रहे थे और यह हल्का पन उसी तरह का था जब पिछली बार उन्होंने फूल खा कर प्राप्त किया था।


सब खुशी में गले मिलते हैं , थोड़ी दूर पर उन्हे एक शामियाना लगा दिखाई देता है , वह सब उसी तरफ जाते हैं , वहा उनका स्वागत सेविकाएं करती है , और उन्हे अन्दर जाकर भोजन करने का आग्रह करती हैं, सभी खुशी खुशी अंदर जाते हैं।


अंदर विभिन्न प्रकार के व्यंजन बने थे, सभी को भूख भी लग गई थी ,जब से उठे थे तब से पता नही कितने किलोमीटर पैदल चल लिए, फिर तालाब में तैरना भी हुआ तो लोगो के अंदर भूख बढ़ गई थी, सब भोजन पर टूट पड़ते हैं ,सब पेट भर कर खाते हैं और फिर तभी एक सेविका कहती है अब आप लोग अंतिम दरवाजे तक पहुंच गए हैं तो आप लोगो के लिए छोटा सा रंगा रंग नाच गाने का आयोजन भी किया है, उम्मीद है कि आप लोगो को पसंद आएगा ।


एक यंग तांत्रिक राकेश कहता है , यार कितना भी अच्छा आयोजन हो चेहरे तो यही गंदे वाले दिखेंगे ,सुनील भी सबसे तांत्रिक है वह कहता है, यार नाच में गर्दन से नीचे ही देखना ऊपर देखना ही मत और गाना तो सुनना है सर नीचे कर सुनते रहो , सभी हंसते हैं ,वह लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर देखते हैं कि वहां तो बड़ी खूबसूरत लड़कियां थी जो मानव काम पारियां लग रही थीं, सभी तो उन्हे देख आवाक रह जाते हैं , कइयों ने तो सालो बाद इतनी खूबसूरती देखी थी, और कुछ के तो मन ही डोल उठे थे , 


सुनिल से राकेश बोलता है, " देख लो भाई ऊपरवाले ने तुम्हारी सुन ली  है , अब तो मजा आयेगा ना, जय और विशाल उन लड़कियों कि खूबसूरती के साथ साथ उनकी बनावट भी देखते हैं ।"


अचानक जय चौक कर देखता है और विशाल और दुर्गा को भी इशारा करता है , तो वह लोग भी देखते हैं और चौक उठते हैं , उन परियों जैसी लड़कियों के नाखून नीले थे वो उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे, पर मामला कुछ और ही था अब जय उनको ध्यान से देखता है तो उनके शरीर के कई हिस्से नीले थे, वह समझ गया की ये विश कन्याएं हैं , 


वह सबको एक तरफ बुलाता है और कहता है " ये लड़कियां कितना भी उत्तेजित करे और अपने पास बुलाया कोई इनके करीब नही जायेगा।"


सभी लोग चौकते हैं तो विशाल कहता है चौक कर अचानक सब लोग मत देखो ये सब जाल है , हम में से कोई भी काम हुआ तो हम सब खतम हो जायेंगे क्योंकि 21 लोग मिला ही उस मणि को ला सकते हैं ,तो हमे हर हाल में एकत्र और सही सलामत रहना है, सभी लोग धीरे धीरे उन लड़कियों पर नजर डालते हैं।"


जय कहता है "उन्हे इस बात का एहसास नही होना चाहिए की हमने उन्हें पहचान लिया है, वरना वह लोग हम पर शायद हमला भी कर सकती हैं ,पता नहीं क्या होगा पर हमे सावधान रहना होगा।" सभी हां में सर हिलाते हैं, 

राकेश कहता है ," यार एक सुनहरा मौका आया भी तो ,वह भी कोई काम का नही , ये 21 वाला मैटर नही होता तो मैं उनके गले लग कर मरने को भी तैयार हूं , अपनी जिंदगी में इतनी खूबसूरत लड़कियां नहीं देखी।"


सुनील कहता है "बेवकूफ जीवित रहेगा तो इस से भी खूबसूरत राजकुमारियां देख लेना , और ये जो गंदे चेहरे वाली दिख रही हैं ना ये सब भी सुंदरियां ही हैं ,इनपर से जादू टोना हटेगा तो यही कयामत ढाएंगी, तब जो चाहे कर लेना ,अभी शांति रख।"


आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए।



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