आई लव यू
आई लव यू
बचपन के दिनों में हमारे घर में टेलीविजन नहीं था। मैं और मेरे मझले पापा का बेटा राजेश, दोनों फिल्मों के बड़े आशिक थे। दिन हो या रात, घर से फरार रहते थे और जिनके भी घर हम टीवी देखने जाते थे, वह भी हमें शौक से देखने देते थे।
गांव में अक्सर बिजली चली जाती थी। एक बार की बात है। कड़ाके की ठंड पड़ रही थी और रात का समय था। हम दोनों चचेरे भाई बिजली के आने का इंतजार कर रहे थे। तब तक परिवार के सभी लोग जाग रहे थे और आग के सामने बैठ कर, गप्पे मारते हुए हाथ सेंक रहे थे।
हम दोनों को बेसब्री से बिजली का इंतजार करते देख अचानक से मझले पापा ने सवाल कर दिया, ''तुम दोनों फिल्में बहुत देखते हो, अच्छा यह बताओ आई लव यू का मतलब कया होता है?''
यह सुनकर हमारी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। तब प्राइमरी के सरकारी स्कूलों में इंग्लिश नहीं पढ़ाई जाती थी और न ही हम फिल्मों के आशिकों को इसका मतलब पता था। हमें तो फिल्मों में सिर्फ़ मारधाड़ पसन्द था और कुछ नहीं। यहां तक की जब हमें इमरजेंसी में उठ कर जाना होता था तो हम प्रचार या गाना आने का इंतजार करते थे।
आखिरकार जब उस दिन पापा ने हमें आई लव यू का मतलब बताया तो हम शर्म से गड़ गए थे।वक्त-वक्त की बात होती है। आज़ पापा इस दुनियां में नहीं हैं, और मैंने उनके बताए हुए अर्थ पर एक किताब लिख दी है... संयोग....काश!आप जिन्दा होते!