‘आगे की योजना’
‘आगे की योजना’


राजू अपने गाँव को छोड़कर शहर की तरफ निकल पड़ा ।राजू ने सुना था की शहर के लोग बहुत पढ़े लिखे और सभ्य होतेहैं ।शहर में नई तकनीकी से विकसित मशीने भी होती हैं ।जो बहुत जल्दी जल्दी काम करती हैं ।यह सब विचार राजू को गाँव छोड़ने के मजबूर कर रहे थे ।राजू के गाँव छोड़ने की एक वजह यह भी थी की राजू बहुत कुछ नया सीखना चाहता था ।राजू शहर के लिए जिस बस में बैठा , उसमें बैठा – बैठा शहर का रेखाचित्र अपने मस्तिष्क में कल्पना कर बुन रहा था ।बहुत सारी उम्मीद लिए हर एक तार को अपने में हर एक संभावना से जोड़ने में लगा था ।अचानक परिचालक ने जोर से आवाज लगाई ‘ अरे शहर आ गया ।अंतिम बस स्टॉप है , सब को यहीं उतरना है ।राजू अपनी सुंदर कल्पनाओ को छोड़कर ।शहर में अपना पहला कदम रखता है ।कदम के साथ उसे कुछ अलग तरह का अनुभव होता है ।शायद पहले कभी ऐसी अनुभूति नहीं हुई हो ।राजू को अभी बस के भीतर चल रही कल्पनाओ को छोड़ें ज्यादा वक्त नहीं हुआ था ।वह फिर उसी समर में खो गया ।फिर से आगे की योजना बुनने लगा |