आधुनिक हूँ मैं
आधुनिक हूँ मैं
अरे सलीमा क्या सारा दिन तू भी पोती के साथ इस मूए फोन, लैपटॉप मे घुसी रहती है। अरी कहाँ जायेगी ? इस बुढ़ापे में कहीं नौकरी करेगी क्या ?
पड़ोसन ने मजाक उड़ाया के अब तो तू सूट बूट वाली मेम बनेगी।
सलीमा को शौक था नई नई चीजें बनाने का। पोती ने बोला आप इससे पैसे भी कमा सकते हो। सलीमा की खाना बनाने की रेसपी यॅू ट्यूब पर डाल दी। सलीमा रातों रात् अपने हुनर की वजह से स्टार बन गई। आज कैमरा लेकर आएं है लोग उनका इंटरव्यू बनाने।
पोती ने बोला आज तो आप सिर से पल्लू हटा दो, मगर वो ना मानी। जहाँ इस उम्र मे लोग उदास ओर निराश हो जाते हैं वहाँ मधुर मुस्कान के साथ दरवाजा खोलकर खड़ी है। आधुनिक भी है और अपनी संस्कृति भी संभाले हुए हैं ओर पूरे गाँव के लिये मिसाल भी है।