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Fahima Farooqui

Abstract

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Fahima Farooqui

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ज़रूरी तो नही

ज़रूरी तो नही

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मिलने के लिए मुलाक़ात ज़रूरी तो नहीं।

भीगने के लिए बरसात ज़रूरी तो नहीं//


रोशन तेर ख़यालों से है ---------दुनिया मेरी,

रोशनी के लिए चाँद रात----ज़रूरी तो नही//


रूह से रूह का रिश्ता है--------टूटेगा नही,

अब हर रिश्ते में बारात-----ज़रूरी तो नही//


ख़ामोशी समझने का हुनर भी सीख लो तुम,

के लफ़्ज़ों में ही हों हर बात ज़रूरी तो नहीं//


ये सोच कर भी कोई वादा नही करते अब ,

हमेशा एक से हो हालात ज़रूरी तो नहीं//


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