ज़िंदगी
ज़िंदगी
जब हम गीरेगे तभी तो ऊठेगे।
जब हम ऊठेगे तभी तो बड़ेगे।
जब हम बड़ेगे तभी तो जियेंगे।
जब हम जियेंगे तभी तो हसेंगे।
ज़िंदगी यही है बस जीते चलेंगे...
कारवह यही हे बस हँसते रहेगे
बस हँसते रहेगे...!
जब हम गीरेगे तभी तो ऊठेगे।
जब हम ऊठेगे तभी तो बड़ेगे।
जब हम बड़ेगे तभी तो जियेंगे।
जब हम जियेंगे तभी तो हसेंगे।
ज़िंदगी यही है बस जीते चलेंगे...
कारवह यही हे बस हँसते रहेगे
बस हँसते रहेगे...!