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sakshi shiv

Drama

5.0  

sakshi shiv

Drama

ज़िंदगी

ज़िंदगी

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जब हम गीरेगे तभी तो ऊठेगे।

जब हम ऊठेगे तभी तो बड़ेगे।

जब हम बड़ेगे तभी तो जियेंगे।


जब हम जियेंगे तभी तो हसेंगे।

ज़िंदगी यही है बस जीते चलेंगे...

कारवह यही हे बस हँसते रहेगे

बस हँसते रहेगे...!


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