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Paramita Basak

Inspirational

3  

Paramita Basak

Inspirational

ज़िन्दगी से

ज़िन्दगी से

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क्या मिला है ज़िन्दगी से

क्या रह गया अधूरा ,

सोचते हुए ही न निकल जाये

ज़िन्दगी पूरा।


जितना है मिला

उसी में गुज़ार ले ज़िन्दगी ,

क्या पता कल न मिले

आज जो मिली है बंदगी ।


ग़म है किस बात का तुझे

क्यों है इतना परेशान सा,

ज़िन्दगी तो बेवफा है

छोड़ जाये दर्द के निशान सा।


जी ले ज़िन्दगी तू

बेफिक्र बेवजह इतना,

दुखों का सैलाब भी लगे तुझे

तिनके सा जितना।


थाम ले हाट ख़ुशियों का

जितना भी मिल पाए,

क्या पता कल को ज़िन्दगी

क्या क्या रंग दिखलाये।


सोचता है क्यों इतना

दगा तो दिया है प्यार ने,

सामने के तरफ देख ले एक बार

पुकारा हो किसी यार ने।


भूल जा उसे जो कभी तेरे

लायक ही नहीं बन पाया,

ख़ुशी के बदले मैं

सिर्फ ग़म ही ले आया।


भुला दे उस जंजीर को

जो बेड़ियाँ ही बन पायी,

संभाल ले उन रिश्तों को

जो प्यार बरसाने आयी।



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