ज़िंदगी की दौड़
ज़िंदगी की दौड़
ज़िंदगी की दौड़ में तू हार गया तो क्या हुआ,
इस हार से तू मत घबरा,
इस हार का तू जश्न मना,
हार कर मायूस अगर तू यूं ही बैठ जाएगा,
ज़िंदगी की दौड़ में फिर कभी ना दौड़ पाएगा,
माना आज के इस दौर में,
ज़िंदगी जीना हुआ है भारी,
आशा और विश्वास का पकड़ ले दमन,
दौड़ ज़िंदगी की रख जारी!
ज़िंदगी की दौड़...