जिंदगी
जिंदगी
जिंदगी को थोड़ा-सा मुस्कुराने दो,
मत बंद पर्दों में घुटने दो अपनी सांसो को,
थोड़ी ताज़ी हवा तो आने दो।
ढूँढ लो अपनी खुशियों को,
चाहे छुपी हो इधर उधर कहीं भी,
मुरझा रहे फूलों को फिर से खिल जाने दो।
समेट लो कुछ बिखरे पलो को,
जिंदगी में अपनी इन्हें भी शामिल हो जाने दो।
जिंदगी को थोड़ा-सा मुस्कुराने दो।