नंन्ही बिटिया
नंन्ही बिटिया
जब नंन्ही बिटिया घर में आई,
किलकारी गूंजी घर में
गूंज उठी जैसे शहनाई।
चाँद सरीखा चेहरा उसका,
लाल कपोल, मस्तक विशाल,
बढ़े-बढ़े कजरारे नैना,
देख-देख सब हुए निहाल।
बिटिया जब तनिक मुस्काई,
घर खुशियों भरी दीवाली आई।
बेटी होती लक्ष्मी का रुप,
आज लक्ष्मी घर हमारे आई,
जब नंन्ही बिटिया घर में आई।