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Manju Anand

Abstract

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Manju Anand

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नंन्ही बिटिया

नंन्ही बिटिया

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जब नंन्ही बिटिया घर में आई,

किलकारी गूंजी घर में

गूंज उठी जैसे शहनाई।

चाँद सरीखा चेहरा उसका,

लाल कपोल, मस्तक विशाल,

बढ़े-बढ़े कजरारे नैना,

देख-देख सब हुए निहाल।

बिटिया जब तनिक मुस्काई,

घर खुशियों भरी दीवाली आई।

बेटी होती लक्ष्मी का रुप,

आज लक्ष्मी घर हमारे आई,

जब नंन्ही बिटिया घर में आई।


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