कुछ रिश्ते जल कर खत्म हुए कुछ रिश्ते यूँ ही लावारिस हुए कुछ रिश्ते जल कर खत्म हुए कुछ रिश्ते यूँ ही लावारिस हुए
ढूँढ लो अपनी खुशियों को, चाहे छुपी हो इधर उधर कहीं भी, ढूँढ लो अपनी खुशियों को, चाहे छुपी हो इधर उधर कहीं भी,
दो पल की सांसो के लिए ये कैसा हाहाकार है सिस्टम है बेबस और इंसान - इंसान लाचार है ! दो पल की सांसो के लिए ये कैसा हाहाकार है सिस्टम है बेबस और इंसान - इंसान लाचा...
क्यों ना हम भी गुलाब की, यही शिक्षा अपनाएं आओ हम मिलकर, गुण रूपी गुलाब बन जाएं! क्यों ना हम भी गुलाब की, यही शिक्षा अपनाएं आओ हम मिलकर, गुण रूपी गुलाब बन जाए...
जीवन भी तो उसका ऋणी क्या है नहीं उन्हें अहसास जीवन भी तो उसका ऋणी क्या है नहीं उन्हें अहसास
मेरा भी उसके घर तब ही जाना होता था, होली या दीवाली हो त्योहार बहाना होता था, मेरा भी उसके घर तब ही जाना होता था, होली या दीवाली हो त्योहार बहाना होता था,