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Mukesh Kumar Modi

Inspirational

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Mukesh Kumar Modi

Inspirational

गुणों के गुलाब बन जाएं

गुणों के गुलाब बन जाएं

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सोचा नहीं था गुलाब ने, मेरा ये हस्र हो जाएगा

तोड़कर डाली से, मेरा क्या क्या किया जाएगा


जीवन खत्म होगा मेरा, टूटकर मुरझा जाऊंगा

किन्तु खुशबू बनकर मैं, सांसों में बस जाऊंगा


किसी की आंखों से मैं, नजर कभी ना आऊंगा

खुशबू से ही सबको, अपना एहसास कराऊंगा


क्यों ना हम भी गुलाब की, यही शिक्षा अपनाएं

आओ हम मिलकर, गुण रूपी गुलाब बन जाएं


अपने ही कर्मों से हम, गुण रूपी खुशबू फैलाएं

दिव्य गुणों की लेनदेन, एक दूजे से करते जाएं


चारों और का वातावरण, गुणों से हम महकाएं

फिर से सारे विश्व को, स्वर्ग समान सुन्दर बनाएं!


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