यूँ खोया हूँ
यूँ खोया हूँ
यूँ खोया हूँ ख्यालों में,
डर लगता है,दिन को रात ना कहँ दूँ,
सपनों के इस दुनिया में एकेला हूँ,
कही भिड में भी तन्हा ना कहँ दूँ ...
यूँ रुक्सत करती है तेरी जुदाई,
की यादे तुम्हारीही साथ देती है,
पल पल हो जाता है किमंती,
की खुदको अब अमीर ना कहँ दूँ...
डर नही मुझे की तु छोडके चली जाये,
तेरा रास्ता तुझे मुबारक हो,
मेरें हिस्सेकी तेरी मौजूदगी में,
मैनें जमाना जीयाँ ना कहँ दुँ...
हर चिज मुझे अब अजीज है,
अजीज भी थोडी कम है,
छुआँ तुमने जबसें,
इस दिल की दिवानगी अनमोल ना कहँ दूँ...
तेरे केसुओंके साये जब बिखरे,
फिजा यही बसती है ना कहँ दूँ...
नजरों को देखकर तेरी,
समुंदर की गहराई यही ना कहँ दूँ..