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Dr. Vijay Laxmi

Abstract Action

4.5  

Dr. Vijay Laxmi

Abstract Action

युद्ध घोष

युद्ध घोष

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युद्ध से भला किसका भला है हुआ?

जाने विभीषिका वही जिसने है सहा 


शांति वार्ता से एक-दूजे का कर सम्मान 

हो सके, युद्ध को दूर से ही करें प्रणाम


पहले युद्ध मैदाने जंग में लड़े जाते थे

सैनिक शासक में सीमित हो जाते थे


तलवार भालों से दे चुनौती शुरु होते थे

गज, घोड़े प्यादा, पीछे से वार न होते थे


दिखा कौशल अपने बाहुबल का, बढ़ते

आज युद्ध टैंक छल-छद्म से हैं गढ़ते  


जनता पिसती, घरवाले उनके रोते हैं

गुरूर में स्व, सत्ता शासक युद्ध छेड़ते हैं 


पहले के राणा प्रताप से शासक कहां?

स्वराज हित लड़ने वाली लक्ष्मीबाई ?


पहले तो एक ही जयचंद विभीषण थे

घर-घर में जयचंद विभीषण भरे हुए 


महल सुख भोग छोड़, घास रोटी वाले

जनता के पुत्रवत स्नेह में, उत्सर्ग वाले


मिसाइल केमिकल युद्ध मानवता शोषक

लोभ द्वेष वैमनस्य अशान्ति के पोषक।


यूक्रेन-रूस युद्ध देखें कैसा परिणाम,

मुर्दों पर शासन करेंगे क्या पुतिनराम?


पहले धर्म नियमगत युद्ध हुआ करते थे

निज स्वार्थ, न कोई रणबिगुल बजते थे


बुद्ध से योगी कहां? अशोक निर्माण करें

सत्य अहिंसा शांति का फिर प्रचार करें



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