यह उसकी कहानी का अंत नहीं
यह उसकी कहानी का अंत नहीं


हर सुबह
आसमान में
पूरब दिशा से
उगते हुए सूरज की पहली किरण
शाम होते होते
पश्चिम दिशा में ढलते हुए
आखिरी हो जाती है लेकिन
यही इसकी आखिरी किरण
अगली सुबह फिर पहली हो जाती है
सफलता के पश्चात असफलता
असफलता के बाद सफलता
यह पहिया हर किसी के
जीवन में एक दूसरे का पीछा करता
घूमता रहता है
देखा जाये तो
यह दोनों
एक ही सिक्के के दो पहलू हैं
असफलता को कोई गर
असफलता न माने तो
किसी में यह ताकत नहीं कि
वह आपको इसे स्वीकारने के लिए
बाध्य करे
कोई भी व्यक्ति अपनी
मानसिक स्थिति के लिए
खुद ही जिम्मेदार होता है
सफल होने पर उसे खुश होकर
आसमान में नहीं उड़ना चाहिए
असफलता का मुंह देखने पर
कभी हताश होकर
खुद में कहीं लज्जित महसूस नहीं
करना चाहिए
जीवन में सफल हों या असफल
दोनों स्थितियों में
एक ही भाव रखना चाहिए
असफल होने पर संयम बरतना
चाहिए
सफल होने का प्रयत्न
हर समय करते रहना चाहिए
प्रकृति से हमें प्रेरणा लेकर
कुछ न कुछ अच्छा सीखते
रहना चाहिए
सूरज पहली किरण के साथ
हर सुबह उगता है फिर
दिन भर अपनी किरणों का जाल
चारों दिशाओं में फैलाये रखता है
और फिर अंत में अपनी
आखिरी किरण के साथ
सांझ को अस्त भी हो
जाता है लेकिन यह उसकी
कहानी का अंत नहीं है
उसके दिल में अगली सुबह
उगने की आकांक्षा है
कुछ कर गुजरने का जज्बा है
वह सफल है या असफल
इन बातों से उसे कोई
सरोकार नहीं।