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Chetna Gupta

Romance

4  

Chetna Gupta

Romance

यह दूरी एक मजबूरी

यह दूरी एक मजबूरी

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डेट का प्लान हम मिलकर बनाया करते,

कब वो अकेले छत पर हो और मेरे घर में सब व्यस्त या बाहर हो

इसका इंतज़ार कर एक वीडियो कॉल करते

जिसको हम अपनी छोटी सी ऑनलाइन डेट का नाम देते,

पर फिर कभी उस डेट में जब हम

मिलने पर असली डेट में क्या खाएंगे का प्लान बनाते 

तो महसूस होता है यह दूरी एक मजबूरी है।


एक-दूसरे की चाहत जब बढ़ने लगती है

उनकी मेरे बालों में उलझने की ख्वाहिश बढ़ने लगती है,

होंठों को चूमते हुए आंखों में देखकर 

पता लगाने की उत्सुकता की कौन पहले थकेगा जब बढ़ती है,

तो सिर्फ एक तस्वीर होती है जिसको यह होंठ चूमते हुए दूरी के गम के आंसुओं से गिला भी कर देते है

तो लगता है यह दूरी एक मजबूरी है।


जब रात को उनका मैसेज आता है

की कुछ खाया नहीं भूक लगी है बना दो न कुछ प्लीज

तो मेरा सिर्फ एक जवाब होता है जाओ और कुछ खाओ क्योकि मैं तो वहाँ हूं नहीं तो यह दूरी मजबूरी लगती है।


जब वो मेरी इतनी जबरदस्ती करने पर भी शर्म में आय लव यू नहीं कहते

पर कॉल के अंत मे लव यू टू कहकर मेरे चेहरे पर क्यूट सी शर्माहट लाते है तो अच्छा लगता है 

पर तभी मेरा ब्लश करती हुई शक्ल को देख न पाने का दुख बया करते है तो लगता है यह दूरी एक मजबूरी है।


सुना है मैने प्रेमी दूर होते है आज-कल एक-दूसरे की ज़रूरत महसूस करने के लिये

पर हम तो पहले ही एक-दूसरे से दूर रहने लगे उस वक्त के इंतज़ार में जब हम मिलेंगे।


इस दूरी से करीब आने तक के सफर में हमे और महसूस कराना की ज़रूरत नहीं होगी कि करीब आना किसी सपने को पूरा करने से कम नहीं और तब महसूस होगा कि यह दूरी भी क़रीब होने की वजह बनी।


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