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Shyam Kunvar Bharti

Romance

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Shyam Kunvar Bharti

Romance

ये निरमोही सईया

ये निरमोही सईया

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जड़वा के रतिया ननदी कटले ना कटात।

ये निरमोही सइया अँखिया नींदियों ना आत।

कराई के बिदाइ हमके घरवा बईठवला।

जबसे तू गईला संदेशवो ना पईठवला।

ये निरमोही सइया नैना लोरवो ना रुकात।

सड़ियो ना भेजला रज़इयो ना भेजला अबले।

कापेला देहीया मोर अकेले जड़वा बिताई कबले।

ये निरमोही सइया तोहरो सुरतिओ ना भुलात।

धनवा कटाई गइले गेंहुया बोआई कइसे।

खाद पानी लाई कईसे होई सिचाई कईसे।

ये निरमोही सइया देहिया औरी खेतवो सुखात।

बहे जब ठंडी बयरिया लहरे खेतवो कियरिय।

घरवा ना अइला पपीउ मोर बरसे नजरिया।

ये निरमोही सइया लाजे हम नईहरवों ना जात।

छोड़ी दा नोकरिया गावे करा खेती बरिया।

लगवे रहा हमरे मती जा अब तू बहरिया।

ये निरमोही सइया मोर जवनियों बीतल जात।

जड़वा के रतिया ननदी कटले ना कटात।



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