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आकिब जावेद

Romance

5.0  

आकिब जावेद

Romance

ये मेरे प्यार की निशानी है

ये मेरे प्यार की निशानी है

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वो भी तो ख़्वाब की निशानी है

ख़्वाब में जो सुनी कहानी है


दौर-ए-ज़िन्दगी गुज़र गया यों

क्या पता ज़िन्दगी ये फ़ानी है


वो हमे क्या से क्या बना डाले

ये अदा तो बहुत पुरानी है


बेवज़ा आप क्यों लुटाते हो

आँख में अश्क़ है कि पानी है


उनके होठों पे हैं गिले-शिकवे

ये मेरे प्यार की निशानी है


मेरे हाथों में चेहरा तेरा

वो लगे जैसे हक़ बयानी है


मैं तेरे पास ही यों बैठा रहूँ

तू मुझे लागे जानी मानी है



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