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Ajay Singla

Abstract

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Ajay Singla

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ये माटी सभी की कहानी कहेगी

ये माटी सभी की कहानी कहेगी

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मिट्टी से तूने जन्म लिया है

मिट्टी में मिल जाओगे

मिट्टी तुमको अन्न है देती

जो ये न हो, क्या खाओगे

तुम सब तो आते जाते रहोगे

ये माटी सदा यहीं रहेगी

ये माटी सभी की कहानी कहेगी।


ये माटी है रोती और आंसू हैं बहते

जब आपस में लड़ते हो तुम भाई भाई

इस माटी के बेटे हो दुश्मन नहीं हो

ये देखे तो माटी की ममता कराही


खून से अपनों के लाल ये होती

अभी तक सहा है आगे भी सहेगी

ये माटी सभी की कहानी कहेगी।


इस माटी ने सींचा हमारा ये जीवन

माटी के लिए जान तक भी हम देंगे

न परवाह क्या खोया क्या पाया यहाँ पर

सुख दुःख तो जीवन में आते रहेंगे


गर दुःख का एक सागर है तेरा ये जीवन

कभी तो ख़ुशी की भी नदिया बहेगी

ये माटी सभी की कहानी कहेगी।


क्या अच्छा किया है, क्या बुरा किया है

इस माटी के कितने हो तुम काम आए 

कर्म ही तुम्हारा बताएगा एक दिन

दिया सब इसी ने, तुम कुछ भी न लाए


झूठ तो पानी का एक बुलबुला है

अंत में बस एक सच्चाई रहेगी

ये माटी सभी की कहानी कहेगी।


कितने भी बड़े तुम, कहीं भी हो रहते

कभी भी इस माटी को तुम न भूलाना

ये पैसा ये दौलत तो पल भर के साथी

संग तुम्हारे किसी ने न जाना


ऊपर का संदेशा जब भी आएगा 

न राजा रहेगा न रानी रहेगी

ये माटी सभी की कहानी कहेगी।


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