ये अपुन का रिक्शा है बॉस
ये अपुन का रिक्शा है बॉस
ये है मेरा बैटरी रिक्शा,
जिसे मैं रोज सड़कों पर दौड़ाती हूँ,
अपनी रोजमर्रा की ज़रूरतों को,
इसी आजीविका से पूरा करके कदम बढ़ाती हूँ।
लोग मुझे इस तरह देखकर,
मुझ पर हँसते हैं, खिलखिलाते हैं,
या कुछ मनचले मुझ पर छींटाकशी करके,
मुझे मेरे औरत होने का एहसास दिलाते हैं।
मैं भीतर से थोड़ा टूट जाती हूँ,
जब उनके कहे कटाक्षों को दिल से लगाती हूँ,
फिर खुद से ही सोचती हूँ ....
रिक्शा चलाना एक और बात है और हाथ फैलाना एक और।
आचानक मेरे अंदर एक बदलाव आता है,
जब "महिलासशक्तिकरण" से मेरा दिल बदल जाता है,
मैं अपने रिक्शे पर बैठ एक सेल्फी खींचती हूँ,
और ज़ोर से चिल्लाती हूँ, "ये अपुन का रिक्शा है बॉस।"