Rizwana Begum
Romance
कुछ तो है ,जो हम हैं खोए
कुछ तो है ,जो तुम ना सोए
कुछ तो है, जो हम दो यूं।
अनजान
तू ही है
चाहत
इत्तफाक
यादें
नदी की आत्मा ...
लिखा था जो
पत्र जो
अजनबी
दर्द
जिसमें दुनिया की सारी खूबसूरती समाहित है जो एक ऐसा दर्पण है! जिसमें दुनिया की सारी खूबसूरती समाहित है जो एक ऐसा दर्पण है!
तुम खुशियों के शीशमहल में, तुम मेरी तन्हाई में.. तुम खुशियों के शीशमहल में, तुम मेरी तन्हाई में..
जिसे तुम इश्क कहते हो उसे हम जान कहते हैं। शिद्दत से निभाए कौल को हम ईमान कहते हैं। जिसे तुम इश्क कहते हो उसे हम जान कहते हैं। शिद्दत से निभाए कौल को हम ईमान कहत...
तकिये से पूछो बारिश में मैं कितना अश्क बहाया था ! तकिये से पूछो बारिश में मैं कितना अश्क बहाया था !
तमस सकल जन हृदय का तुम, प्रिये! हर पल हरती हो। तमस सकल जन हृदय का तुम, प्रिये! हर पल हरती हो।
तुम्हारी आहट पर मुझे कुछ पूर्णता का आभास तो हो। तुम्हारी आहट पर मुझे कुछ पूर्णता का आभास तो हो।
लड़का हूँ न allowed नहींं है आजकल के बाजार में। लड़का हूँ न allowed नहींं है आजकल के बाजार में।
"फूल" के लिए मोगरे के फूल लाया हूं बहारों से चुराकर थोड़ी महक लाया हूं। "फूल" के लिए मोगरे के फूल लाया हूं बहारों से चुराकर थोड़ी महक लाया हूं।
नफरतों का हो कैसा भी आलम ऋषभ प्रेम नफरत में चाहत को भर जायेगा नफरतों का हो कैसा भी आलम ऋषभ प्रेम नफरत में चाहत को भर जायेगा
राधिका रचाए रास कान्हा की याद में, निर्मोही हुए कान्हा सुध भी लेने ना आए। राधिका रचाए रास कान्हा की याद में, निर्मोही हुए कान्हा सुध भी लेने ना आए।
तूने छुआ जो रूह आ गई तो मुझे खुद से भी प्यार है। तूने छुआ जो रूह आ गई तो मुझे खुद से भी प्यार है।
है वह नारी, जो सब पर भारी वो हम सबकी मां है प्यारी।। है वह नारी, जो सब पर भारी वो हम सबकी मां है प्यारी।।
मैं तो अपने को भूल रहा, तुम कर लेती हो याद मुझे। मैं तो अपने को भूल रहा, तुम कर लेती हो याद मुझे।
वेदना अंतस में गहरी फिर भी अश्रु गा रहे हैं। वेदना अंतस में गहरी फिर भी अश्रु गा रहे हैं।
पर ये मुममिन नहीं और इसी तन्हाई में गुमसुन अकेला बैठा मैं। पर ये मुममिन नहीं और इसी तन्हाई में गुमसुन अकेला बैठा मैं।
उदासियों का कर के आलिंगन, ले लो सुबह सवेरे अंगड़ाई। उदासियों का कर के आलिंगन, ले लो सुबह सवेरे अंगड़ाई।
वह कहानियाँ कहता था…मैं कहानियाँ सुनती थी… उसे व्हाईट रंग पसंद था और मुझे ब्लैक… वह कहानियाँ कहता था…मैं कहानियाँ सुनती थी… उसे व्हाईट रंग पसंद था और मुझे ब्लैक...
वो आज भी ख्वाबों में आता है!! जगाकर नींद से, यादों के भँवर में फँसा जाता है वो आज भी ख्वाबों में आता है!! जगाकर नींद से, यादों के भँवर में फँसा जाता ह...
बेशक तुम मत आना... बस कह देना की आऊंगा। बेशक तुम मत आना... बस कह देना की आऊंगा।
चलो हम-तुम फिर बैठ के सुबह की चाय एक साथ पीते हैं। चलो हम-तुम फिर बैठ के सुबह की चाय एक साथ पीते हैं।