Rizwana Begum
Others
जिसने हमको चाहा उसे हम चाह ना सके
जिसे चाहा उसे हम पा ना सके
ये समझ लो दिल तोड़ने का काम है,
किसी का तोड़ा ओर अपना बना ना सके।
अनजान
तू ही है
चाहत
इत्तफाक
यादें
नदी की आत्मा ...
लिखा था जो
पत्र जो
अजनबी
दर्द