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चाह जितना मुश्किल हो दौर prabhat pandey मृग मरीचिका जज्बात बिगाड़ सके न कुछ भी कोरोना काबू है हमने पाया धीरज तो हम कभी न छोड़ें वो जश्न कोई मना न सके डबल मास्क विश्वगुरु फिर बनेगा जग सिरमौर सब उत्कृष्ट दो गज़ की दूरी ध्यान creation विरोध कोई बहला सके हमें न जश्न

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