याद
याद
नज़रें झुकाकर हथेलियों से चेहरा छुपाना।
दुपट्टे का कोना मुँह में दबा
हर प्यारी बात पर
'धत्' कहते हुए, बाँकी अदा से
तुम्हारा बार बार शरमाना
है याद।
अपनी सारी बातें कहना
मेरी कुछ बातें सुनना।
बाँहों में बाँहें डाल
दीन-दुनिया से बेखबर
सपनों की गलियों में विचरना।
और, शाम के साये में
सागर तट पर
विस्तृत नीले नभ को
सागर के आगोश में समाते देख
मेरे काँधे से सर टिकाना
है याद।