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Vijayanand Singh

Inspirational

2.6  

Vijayanand Singh

Inspirational

हिंदी

हिंदी

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हिंदी 

हमारी पहचान।

राष्ट्र के माथे की बिंदी।

देश का श्रृंगार।

संस्कृति का उपहार।

सभ्यता का आधार।

भारतीयता की नींव।

राष्ट्रीयता की छाँव।


अपनत्व की सोंधी महक।

स्नेह-सौहार्द्र का वैश्विक फलक।

घर-आँगन की फुलवारी।

खेतों की मनोहारी हरियाली।

वाणी की मधुमय मिठास।

चेहरों पर खिला स्मित हास्य।

माँ की ममतामयी गोद।


बाबूजी की आँख भरी पुलक।

झरनों का जीवन संगीत।

नदियों का कल-कल प्रेम गीत।

विहगों का नीरव कलरव।

भंवरों का आकुल गुंजन।

कलियों की खिलती मुस्कान।

अधरों से फूटता मधुर गान।


ईद और दीवाली का संग-साथ।

जीवन में घुलता हास-परिहास।

कोहबर में उकेरे गये शब्द।

स्त्रियों का मंगलगीत।

इंद्रधनुषी रंगों से रंगी जीवन-फुलवारी।

शिशुओं की मनमोहक किलकारी।


मंद-मंद समीर में बजती मुरली की तान।

सृष्टि के कण-कण में बसा जीवन संगीत।

सारे नि:शब्द शब्द हिंदी।

संवेग हिंदी।

भाव हिंदी।

प्राण हिंदी।



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