प्यारी बहना
प्यारी बहना
बचपन के वे खेल-खिलौने
गुड्डे - गुड़िया और कुछ सपने।
भैया संग वो हँसी-ठिठोली
कभी झगड़ा और कभी हमजोली।
चिड़ियों - सा दिन-रात चहकना
तितली बन फिर - फिर उड़ जाना।
याद आए वो.... प्यारी बहना।
जी चाहे लौटूँ उस पल में
गुड़िया जब आई थी घर में।
बोला था उसने जब" भैया "
नाचा था मैं ता - ता - थैया।
यादों के सपनीले पलों में
घुल जाना और खो जाना।
याद आए....वो प्यारी बहना।
मैं ढूँढूँ, तुम छुप - छुप जाना
पल - पल का रूठना-मनाना।
पाँव बकइयाँ, उठना - गिरना
उँगली थामे डेगें भरना।
नन्हे हाथों राखी थामे
मन-प्यारी लड्डू को मचलना।
याद आए....वो प्यारी बहना।
रोली - चंदन - अक्षत - बंधन
भाई का करने अभिनंदन।
आस - निराश में डूबे नयना
भइया कब आएँगे अँगना ?
देख झलक प्यारे भाई की
भर आए बहना के नयना।
याद आए.....वो प्यारी बहना।