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niranjan niranjan

Abstract

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niranjan niranjan

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याद बहुत सताती हैं

याद बहुत सताती हैं

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चंचल मन,

चांद सा चेहरा।

पायल की खनक,

मुझे सताती है।


भूलना भी चाहूं तुझे,

 पर मेरे चित पर आ जाती है।

कैसे कह दूं तुझे मैं,

 गौरी तुझे बना लूं मैं।

बन पिया तेरा मै,

 अपना नया जीवन बसा लु में।


 डरता हूं बस इस बात से,

तुम हो मेरे दिल की धड़कन।

छूट ना जाए साथ तुम्हारा।


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