STORYMIRROR

Abhishek Singh

Romance

3  

Abhishek Singh

Romance

याद आयी,फिर से..!

याद आयी,फिर से..!

1 min
235

दिल का दरिया बहता गया,

तू मुझसे दूर होता गया।

एक गल तो सुन ले तू मेरी,

हर पल मेरा तू होता गया।


झरनों से गिर मैं नदियों में बहता गया,

हर पल तुझमें मैं मिलता गया।

समंदर से भी ना किया खौफ,

तेरी मोहब्बत बन एक एक बूंद डूबता गया।


ना मिल सका फिर भी तू तुझे,

पल-पल मुझसे दूर होता गया।

बन बादल आंसू के,

फिर धरती पे गिरता गया।


सब चलता रहा मैं गिरता रहा,

याद में तेरी पागल बन,

हर पल तुझमें खोता रहा।

दिल रोता रहा अश्क़ बहता रहा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance