याद आयी,फिर से..!
याद आयी,फिर से..!
दिल का दरिया बहता गया,
तू मुझसे दूर होता गया।
एक गल तो सुन ले तू मेरी,
हर पल मेरा तू होता गया।
झरनों से गिर मैं नदियों में बहता गया,
हर पल तुझमें मैं मिलता गया।
समंदर से भी ना किया खौफ,
तेरी मोहब्बत बन एक एक बूंद डूबता गया।
ना मिल सका फिर भी तू तुझे,
पल-पल मुझसे दूर होता गया।
बन बादल आंसू के,
फिर धरती पे गिरता गया।
सब चलता रहा मैं गिरता रहा,
याद में तेरी पागल बन,
हर पल तुझमें खोता रहा।
दिल रोता रहा अश्क़ बहता रहा।

