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BHAVANA AHUJA

Abstract

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BHAVANA AHUJA

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व्यक्तित्व

व्यक्तित्व

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व्यक्तित्व की क्या बात करे जानिब ?

पल पल इसका रूप बदलता !

समय अनुसार जैसे ऋतुएँ बदलती,

वैसे सच का नया चेहरा दिखता !


विपदा का सामना होते ही,

इंसान का असली व्यक्तित्व उभर कर आये 

व्यक्तित्व निर्माण की नींव तो

बचपन में ही रख दी जाये !


आकर्षक व्यक्तित्व वही कहलाये

जब लोग आपसे जुड़े और प्रेम कर पाए,

व्यक्तित्व उसका धनी कहलाये,

जो बाधाओं पर विजय पाए !


व्यक्तित्व एक दर्पण है,

जो मनोभावों को दर्शाए ,

कीचड़ उछलने पर भी

जो सहजता दिखलाए !


अगर बबूल का पेड़ उगाए,

तो भला आम का पेड़ कहाँ से पाए,

गुण -कर्म- स्वाभाव को परखे,

चिंतन करे और श्रेष्ठ व्यक्तित्व अपनाए !


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