व्यक्तित्व
व्यक्तित्व
व्यक्तित्व की क्या बात करे जानिब ?
पल पल इसका रूप बदलता !
समय अनुसार जैसे ऋतुएँ बदलती,
वैसे सच का नया चेहरा दिखता !
विपदा का सामना होते ही,
इंसान का असली व्यक्तित्व उभर कर आये
व्यक्तित्व निर्माण की नींव तो
बचपन में ही रख दी जाये !
आकर्षक व्यक्तित्व वही कहलाये
जब लोग आपसे जुड़े और प्रेम कर पाए,
व्यक्तित्व उसका धनी कहलाये,
जो बाधाओं पर विजय पाए !
व्यक्तित्व एक दर्पण है,
जो मनोभावों को दर्शाए ,
कीचड़ उछलने पर भी
जो सहजता दिखलाए !
अगर बबूल का पेड़ उगाए,
तो भला आम का पेड़ कहाँ से पाए,
गुण -कर्म- स्वाभाव को परखे,
चिंतन करे और श्रेष्ठ व्यक्तित्व अपनाए !
