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Kundan Victorita

Abstract

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Kundan Victorita

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वतन

वतन

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चाहे हमें जीने के लिए दिन चार मिलेंगे

चाहे पीछे हटने के वजह हजार मिलेंगे


पर वतन पर मिटने के लिए हम हर बार मिलेंगे

एक जन्म काफी नहीं है, जन्म सौ बार लेंगे


पर वतन पर मिटने को हम हर बार तैयार मिलेंगे

तिरंगे की शान में हर बार लड़ेंगे


भले बचीं हो आखरी सांस

फिर भी वतन के लिए मिटने को हम तैयार मिलेंगे।


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