कौन है ?
कौन है ?
पापा,
कलम की कहाँ
उतनी औकात,
जो आपकी
क्षमताएँ बताए।
कौन है आपके सिवा,
जो परिवार की सारी
जिम्मेदारियाँ अकेले उठाए।
कौन है आपके सिवा,
जो गिरने पर दुबारा
उठ के चलना सिखाए।
कौन है आपके सिवा,
जो हर गम को छिपाए।
कौन है आपके सिवा,
जो खुद का पेट काटकर
बच्चों का भविष्य बनाए।
कौन है आपके सिवा,
जो सोचता है कि मेरे बच्चे
मुझसे भी आगे जाए।
