हिंदी
हिंदी
हिंदी को शान के खिलाफ समझने वाले,
जिस दिन हाई ,हेलो, हाव आर यू के आगे गलत बोल जाओगे,
हिंदी ही है,जो मरहम बनकर तेरे शब्दों को समझाएगी।
चाहे जितने अंग्रेजी में पर्व-त्योहार मनाओगे,
जख्म, खुशी,गम में मातृभाषा ही तो होंठों पर आएगी।
अंग्रेजी में तो गाने गा लोगे,
पर क्या बिना हिन्दी के रो पाओगे?
अंग्रेजी में भाषण कितना भी बड़ा दे दो,
पर पीछे पड़े गली के कुत्ते को "हट-हट" के बिना क्या भगा पाओगे?
हम यह नहीं कहते अंग्रेजी को ना अपनाएं,
हमें तो यह डर है कि आप हिंदी को ना भूल जाएं।
