STORYMIRROR

Gulab Jain

Action

2  

Gulab Jain

Action

वतन की ख़ातिर...

वतन की ख़ातिर...

1 min
189


क़ुर्बान हो गए वो, अपने वतन की ख़ातिर |

हँस-हँस के सो गए वो, अपने वतन की ख़ातिर |

उनको नमन करें हम श्रद्धा से सिर झुका कर,

हम में भी जज़्बा हो वो, अपने वतन की ख़ातिर |

                         


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action