STORYMIRROR

Ghanshyam Sharma

Action

4  

Ghanshyam Sharma

Action

आग देशभक्ति वाली

आग देशभक्ति वाली

1 min
250

आग देशभक्ति वाली

आग देशभक्ति वाली,

सीने में मेरे ज़िंदा है,

अब तक भी ना मिला लक्ष्य,

ये सोच सभी शर्मिंदा है,


आग देशभक्ति वाली..

आग देशभक्ति वाली,

सीने में मेरे ज़िंदा है,

अब तक भी ना मिला लक्ष्य,

ये सोच सभी शर्मिंदा है।


मन को कर ले सख्त

मन को कर ले सख्त,

रक्त आहुति तुझको देनी है,

भारत का तू भक्त,

वक्त से छीन के खुशियांँ लेनी है।


बरसों से जो चिथड़े वाला,

भूखा-भूखा ज़िंदा है,

अब तक भी ना मिला लक्ष्य,

ये सोच सभी शर्मिंदा है।


देखा-देखी होड़ा-होड़ी

देखा-देखी होड़ा-होड़ी,

छोड़ के निज अंतर झाँको,

नए-नए अब यंत्र बनें,

बस मंत्र यही सब तुम हाँको।


धरती पर भी मेड इन इंडिया,

आसमान में परिंदा है।

अब तक भी ना मिला लक्ष्य,

ये सोच सभी शर्मिंदा है।


विश्व-गुरु हो जा तू शुरू

विश्व-गुरु हो जा तू शुरू,

वही मान अब पाने को,

कसो कमर भारत के बच्चों,

दुनिया पर छा जाने को।


ओलिम्पिक में नीचे सबसे,

अपने आप में निंदा है।

अब तक भी ना मिला लक्ष्य,

ये सोच सभी शर्मिंदा हैं।


ऊपर वाला, ऊपर वाला,

ऊपर वालों को ही देता माया है,

नीचे वालों ज़ोर लगा लो,

वक्त तुम्हारा आया है।


खुशियांँ सबको, चाहे कोई

कितना नीचे पिंदा है।

अब तक भी ना मिला लक्ष्य,

ये सोच सभी शर्मिंदा है।


आग देशभक्ति वाली

सीने में मेरे ज़िंदा है।

अब तक भी ना मिला लक्ष्य,

ये सोच सभी शर्मिंदा हैं।

आग देशभक्ति वाली

सीने में मेरे ज़िंदा है,

सीने में मेरे ज़िंदा है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action