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Shivanand Chaubey

Inspirational

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Shivanand Chaubey

Inspirational

वसुधैव कुटुंबकम्

वसुधैव कुटुंबकम्

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वसुधैव कुटुंबकम्हमारी 

संस्कृति की आधार है,

विश्व बंधुत्व भाव सकल 

धरा ही हमारा परिवार है।


अतिथि देवो भवः सर्वे 

भवन्तु सुखिन:

रहते मिलजुल कर हम 

ना कोई तकरार है।


होली दीवाली ईद 

साथ सब मनाते हैं,

बांटते हैं हम सदा 

प्रेम का व्यापार है।


ना कोई हिंदू ना मुस्लिम 

सिख ईसाई है,

मानवता इंसानियत प्रेम

सद्व्यवहार है।


देव तुल्य होता 

मेहमान हमारा है,

नमन मातृभूमि को 

शिवम् संस्कार है।।।



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