वसुधैव कुटुम्बकम
वसुधैव कुटुम्बकम
वसुधैव कुटुम्बकम की धारणा ,
हमको विश्व में अलग पहचान दिलाती है ,
ये संस्कृति भारत की सदियों से ,
पीढ़ी दर पीढ़ी आती है ,
हम ना माने किसी को यहाँ दूजा ,
सबको अपने दिल में बसाते हैं ,
कोई धर्म हो या हो जाति ,
सब यहाँ आकर बस जाते हैं ,
प्रीत की रीत भारतवासी सदा निभाते हैं ,
हिन्द के निवासी हम एक होकर
जाति धर्म से परे प्रेम का धर्म निभाते हैं ,
इसीलिए हम आज अपनी जगह सबसे आगे
बना जाते हैं ।।